कांग्रेस के बाद आज राजस्थान भाजपा दिल्ली में करेगी बैठक, वसुंधरा राजे भी शामिल होगी

कल कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान कांग्रेस के आपसी कलह को दूर कर दूरियां मिटाने के लिए दिल्ली में राज्य के 29 नेताओं के साथ बैठक की। बैठक में शामिल सभी नेता बाद में एक सरीखे बयान देते नजर आये कि हम मिलकर चुनाव लड़ेंगे, सरकार रिपीट करेंगे। हालांकि सचिन की भूमिका को लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ, मगर वे भी यही बयान देते नजर आये। जिससे लगा कि गहलोत व पायलट के मध्य समझौते का फार्मूला तय हो गया, उसे सार्वजनिक किया जाना बाकी है। कांग्रेस के बाद आज भाजपा राजस्थान को लेकर दिल्ली में बैठक कर रही है।


आज दिल्ली में होने वाली भाजपा की बैठक का मुद्दा भी अगला विधानसभा चुनाव है। इस बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी बुलाया गया है, वे बैठक में शामिल भी होंगी। भाजपा अभी तक राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ कोई माहौल खड़ा नहीं कर पाई है। जन आक्रोश रैलियों का भी खास असर नहीं हुआ। जबकि कांग्रेस के अनेक मंत्रियों व विधायकों के खिलाफ एन्टीनकम्बेंसी है। उसको भुनाने में भाजपा पूरी तरह से सफल नहीं हो रही। ठीक इसी तरह कांग्रेस की घोषणाओं, 100 यूनिट फ्री बिजली, 500 रुपयों में गैस सिलेंडर, महंगाई राहत शिविरों आदि का भी वो कोई तोड़ नहीं कर पाई है।


इन सबका कारण है, भाजपा के बड़ें नेताओं के बीच की दूरियां। बाहर भले ही कोई इसे स्वीकार न करे मगर पिछले दिनों की अनेक घटनाएं इस आपसी कलह को सामने लाई है। भाजपा कार्यसमिति की बैठक में राजे शामिल नहीं हुई। बेलासर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गजेंद्र सिंह की उपस्थिति में राजे समर्थक पूर्व विधायक बाबूसिंह से माइक छीना गया। उदयपुर की सभा में राजे बैठी थी मगर उनको बोलने के लिए न कहकर सीधे अमित शाह को पुकार लिया गया। फिर शाह के कहने के बाद उनसे पहले राजे का भाषण कराया गया। कोटा की राजे की सभा से कई भाजपा नेता गायब रहे। बुधवार को जयपुर में भाजपा महिलाओं के प्रदर्शन में राजे नहीं दिखी।


इन सबके चलते ये तो साफ है भाजपा के राज्य के नेताओं के बीच दूरियां है। दूसरी ये बात भी दिखने लगी है कि राजे भाजपा के लिए चुनाव में बड़ा फैक्टर है। इन स्थितियों को भांपकर ही भाजपा ने चुनाव को लेकर आज दिल्ली में खास बैठक बुलाई है और राजे को भी आने के लिए कहा गया है।

राजनीति के जानकारों का मानना है कि बैठक में राजे की भूमिका को लेकर कोई निर्णय किया जायेगा। ताकि तकरार की स्थिति खत्म हो। इसके अलावा चुनावी रणनीति पर भी बात होगी। भाजपा पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि वो सीएम फेस नहीं देगी, पीएम मोदी के चेहरे पर ही चुनाव लड़ेगी। उस पर पार्टी कायम है।

इसी वजह से राजे की भूमिका तय की जानी जरूरी है। चुनाव की दृष्टि से आज की बैठक भाजपा के लिए इसलिए महत्त्वपूर्ण है कि इससे असमंजस में पड़े कार्यकर्ता को एक मैसेज मिलेगा, तभी तो वो चुनाव के लिए उत्साह से जुटेगा। भाजपा की इस बैठक पर राजे सहित सभी बड़े नेताओं व कार्यकर्ताओं की नजर है। कांग्रेस भी इस बैठक के निर्णयों की प्रतीक्षा में है ताकि उसे भी रणनीति बनाने में आसानी रहे।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘

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