मोदी का दौरा: नोखा में सभी बसें बुक, लूणकरणसर में ट्रैक्टर-बोलेरो तक की लिस्ट, कोलायत के दावेदार दिखा रहे दम, चिन्ता शहर की

सिद्धी मीटिंग में, महावीर मैदान में पहली बार दिखे : अनमने नेताओं को मुख्य धारा में लाने की कवायद, गूंज रहा एक सवाल-आखिर वसुंधरा का रुख क्या है ?

आरएनई, बीकानेर।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मीटिंग में एक दिन शेष रह गया है। वे आठ जुलाई को बीकानेर के नौरंगदेसर आएंगे। पिछले पांच दिनों से मोदी की मीटिंग को लेकर चल रही तैयारियों में भाजपा के नेता दिन-रात जुटे हैं। राजेन्द्र राठौड़ गांव-गांव घूमकर पसीना बहा रहे हैं। मंदिर-मंदिर धोक लगा रहे हैं। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के लिए यह मीटिंग नाक का सवाल है। इसीलिए दिल्ली में इस साल की सबसे महत्वपूर्ण कैबिनेट मीटिंग के अगले ही दिन वे बीकानेर पहुंच गए। यह जानते हुए भी कि सात को दिल्ली में फिर राजस्थान के मसलों पर महत्वपूर्ण मीटिंग होनी है। अब उनकी मीटिंगें बीकानेर के गांव-गांव, मंडल-मंडल हो रही है। उन जगहो पर ज्यादा हो रही है जहां लगता है कि अब तक पूरा रिस्पांस नहीं आ रहा है या कमजोरी है। जिन विधानसभाओं में विधायकों या प्रत्याशियों ने मोर्चा पूरी तरह संभाल लिया है वहां राठौड़-मेघवाल जैसे नेता अपना समय जाया नहीं कर रहे।


मोदी की तैयारियो में जुटी भाजपा नेताओं के चार रंग दिख रहे :

  • पहले-मीटिंगों वाले। इसमें लगभग 25 नेता, आपस में हर दिन औसतन पांच मीटिंगें कर रहे हैं। चावल बांटने से लेकर जुट जाने का आह्वान करने वाली हर मीटिंग में लगभग वे ही मौजूद रहते हैं।
  • दूसरे-चेहरा दिखाने वाले। इनकी गाड़ी सुबह से शाम तक मोदी की रैली की तैयारियों के लिए भाग रही है लेकिन उन लोकेशन के आस-पास जहां राठौड़, मेघवाल या सी.पी.जोशी की मीटिंग या दौरा होता है।
  • तीसरे-मीटिंगों में कम नजर आ रहे हैं। अपने क्षेत्र में दिन-रात लगे हैं। ये मीटिंग के बहाने अपनी चुनावी तैयारी की रिहर्सल जमीनी स्तर पर कर रहे हैं।
  • चौथे- अनमने नेता। इन्हें हर बात मे कोई न कोई कमी नजर आ रही है। मसलन, वसुंधरा के हाथ में कमान होती तो अलग ही फिजां होती। देवीसिंह भाटी साथ होते तो भीड़ की चिंता ही नहीं होती, आदि-आदि।


जमीनी बात : डेढ़ लाख के लिए तीन हजार बसों की जरूरत
भाजपा ने मोदी की सभा के लिए डेढ़ लाख लोगों की भीड़ जुटाने का टारगेट रखा है। इसके लिए बाकायदा एक-एक विधानसभा के लिए संख्या तय हो गई है। जब तय हुई तब राजेन्द्र राठौड़ ने सख्ती भी दिखाई, पहले से सोचकर बोलो। एक-एक पर निगरानी रहेगी। जो गंभीर थे उनके पसीने छूट रहे हैं? मसलन, लूणकरणसर विधायक सुमित गोदारा ने 30 हजार का टारगेट बताया। अब वे लोगों को गांव-गांव न्यौत रहे हैं। जहां भी जाते हैं वहां ट्रैक्टर से लेकर बोलेरो गाड़ियों तक की लिस्ट बनवाते हैं। फोकस महिलाओं को लाने पर भी ज्यादा है। ऐसे में 30 हजार की संख्या के लिए 600 बसो के बराबर का इंतजाम करना पड़ रहा है।

नोखा विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने 15 हजार का टारगेट तय किया। अपने इलाके की सभी बसें बुक कर ली। इधर-उधर भी हाथ-पांव मार रहे हैं लेकिन मिल नहीं रही। अब बाकी गाड़ियों पर नजर है ही, स्कूल वालों से भी गुजारिश कर रहे हैं कि एक दिन के लिए बाल वाहिनियां उपलब्ध करवा दें।


खाजूवाला में डा.विश्वनाथ मेघवाल पूरा समय दे रहे हैं। हाल ही गैंगरेप-मर्डर मामले में पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने में रही प्रमुख भूमिका के साथ उनकी इलाके में धाक फिर से जमी है। इसका लाभ भी मिल सकता है। देहात अध्यक्ष जालमसिंह भाटी का साथ भी उनको मिल रहा है।
श्रीडूंगरगढ़ में अलग-अलग दावेदार अपनी ताकत दिखाने में जुटे हैं। वे अपनी-अपनी पार्किंग अलग करवाने की कोशिश के साथ ही खुद के समर्थन वाली गाड़ियों पर मोदी व अन्य नेताओं के फोटो के साथ ही बैनर पर अपना फोटो लगा रहे हैं।

कोलायत पर फोकस : ओबीसी के नेता दिखा रहे रूचि
कोलायत को लेकर पहली बार भाजपा में बड़ा संशय दिख रहा है। देवीसिंह भाटी भाजपा से बाहर है। यहां नए दावेदार की गुंजाइश देखते हुए ओबीसी के चंपालाल गेदर, अशोक प्रजापत के साथ ही श्यामसिंह हाडला जैसे नेता सक्रिय हुए हैं। केन्द्रीय मंत्री मेघवाल के पुत्र भाजपा नेता रविशेखर ने भी इस इलाके को छान मारा है। सब मिलकर इस कोशिश में लगे हैं कि यहां से इतने लोगों को शामिल कर लिया जाए कि देवीसिंह भाटी की कमी न खले। सफल कितने हो पाएंगे यह समय ही बताएगा।
कहां से आएंगे शहर के 50 हजार :
बड़ी चिंता है बीकानेर शहर के दोनों विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाए गए 50 हजार के टारगेट को पूरा करने की। इसके लिए कइयों को जिम्मेदार बनाया हैं। पहले नंबर पर है महापौर सुशीला कंवर। महापौर होने के नाते दोनों विधानसभा सीटों की संयुक्त जनप्रतिनिधि है। इसके अलावा किसी सूरत में सिद्धी कुमारी का टिकट कटता है तो विकल्प के दावेदारों में से एक है। बीकानेर पूर्व से अन्य दावेदारों में शामिल सुरेन्द्र सिंह शेखावत, दिलीप पुरी, मोहन सुराणा जैसे दावेदार भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं। बीकानेर पश्चिम से शहर भाजपा अध्यक्ष विजय आचार्य की अध्यक्ष होने के साथ ही टिकट का दावेदार होने के नाते भी बड़ी जिम्मेदारी है। गोकुल जोशी को इस विधानसभा क्षेत्र में रैली का प्रभारी बनाया गया है, वे टिकट के बड़े दावेदार भी हैं। अविनाश जोशी अपने स्तर पर तैयारी कर रहे हैं वहीं विजय मोहन जोशी, भंवर पुरोहित जैसे दावेदार भी अपनी चुनौतियों पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे।


पहली बार मीटिंग में आई सिद्धी, महावीर भी दिखे मैदान में :
बीकानेर पूर्व की विधायक होने के नाते सिद्धी कुमारी की बड़ी जिम्मेदारी होती है लेकिन वे अब तक मीटिंगों मे नजर नहीं आई। गुरूवार शाम को पहली बार पार्टी कार्यालय की मीटिंग में दिखी। अब संभवतया मैदान में भी नजर आएगी।
पिछले कुछ समय से शहर में भीड़ जुटाने की सामर्थ्य वाले नेताओं मे शुमार हो चुके महावीर रांका भी खुलकर मैदान में अब तक नहीं दिखे हैं। गुरूवार को उन्होंने एक नुक्कड़ सभा की। अब हो सकता है लगातार दिखे। पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर तय की गई प्रभारियों-जिम्मेदारों की सूची में उनका नाम शामिल नहीं हैं।


जिक्र वसुंधरा का :
एक चर्चा आई थी कि वसुंधरा राजे मीटिंग से एक दिन पहले बीकानेर आएगी और यहां कार्यकर्ताओं-नेताओं की मीटिंग लेकर माहौल बदल देगी। अब एक जानकारी यह सामने आई है कि आएंगी तो सही लेकिन मीटिंग वाले दिन ही। हो सकता है सीधे मैदान में ही पहुंचें। वजह, दिल्ली में राजस्थान के मसलों पर मीटिंग होने वाली है। उनके इसमें शामिल होने का अनुमान है।

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