नहर की जमीन बेचकर ईआरसीपी पूरा करने का विरोध, बीकनेर में मंत्री मालवीय को कर्मचारियों ने घेरा

सरकार ने शहर में आईजीएनपी 16वें खंड की 20.59 हैक्टेयर जमीन बेचने के लिए यूआईटी को पत्र लिखा
आरएनई, बीकानेर।
केन्द्र और राज्य के बीच विवाद का विषय बने ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को पूरा करने की जिम्मेदारी भले ही राज्य सरकार ने अपने ऊपर लेकर वाहवाही लूटनी शुरू की हो लेकिन हकीकत यह है कि इसे पूरा करने के लिए संसाधन जुटा पाना काफी मुश्किल है। इसी लिहाज से पश्चिमी राजस्थान में इंदिरा गांधी नहर की खाली पड़ी जमीन बेचने का भी निर्णय लिया है। खासतौर पर बीकानेर शहर में 16वां खंड की खाली जमीन बेचने के लिए बीकानेर यूआईटी को पत्र भी लिख दिया है।


ईआरसीपी के लिए नहर की जमीन बेचने के निर्णय का विरोध भी शुरू हो गया है। मंत्री महेन्द्रजीतसिंह मालवीय को भी बीकानेर में इसका विरोध सहन करना पड़ा। यहां स्प्रिंक्लर सिस्टम सहित अन्य परियोजनाओं का निरीक्षण करने आए मालवीय के सामने कर्मचारियों ने इस निर्णय के विरोध में आंदोलन तक की चेतावनी दे दी। इंगांनप संयुक्त संघर्ष समिति के शिष्ट मंडल की इस संबंध में मंत्री मालवीय से साथ हुई बातचीत गरम बहस में भी बदल गई।


संघर्ष समिति के संयोजक भँवर पुरोहित का कहना है, राज्य सरकार ने ईआरसीपी के कार्य को पूरा करने के लिए जल संसाधन विभाग के अधीन इंदिरा गांधी विभाग, सिंचित क्षेत्र विकास विभाग की अनुपयोगी जमीन (नहर कलोनी) सहित नगर विकास न्यास के माध्यम से बेचने का निर्णय लिया है। वर्ष 2008 में संघर्ष समिति के बैनर तले इस मुद्दे पर लंबा आंदोलन हो चुका है। ये भूमि नहर कर्मियों को रिजर्व प्राइज पर मिलनी चाहिए। आंदोलन के बाद पूर्ववर्ती प्रमुख शासन सचिव इंगांनप, अध्यक्ष नहर बोर्ड, मुख्य अभियंता इगानप की कमेटी बनाई गई थी। इस कमेटी नहर कर्मियों के पक्ष मे अनुशंसा की थी।


पुरोहित ने मंत्री से कहा, एशिया की सबसे बड़ी मानव निर्मित नहर को बनाने में इंगांनप के मजदूर-कर्मचारियों अभियंता गणों ने विकट परिस्थितियों में इसका निर्माण करवाया है अतः ये जमीन आरक्षित दर पर देने की कृपा करवाएं। मंत्री मालवीय ने आश्वस्त किया है पुरानी अनुशंषाओ पर पुनः अध्ययन कर कर्मचारियों के हित में निर्णय करने का सकारात्मक प्रयास करूंगा।


शिष्ट मंडल में कमल अनुरागी, सुनील सिंह, हेमन्त सोनी, ईश्वर सिंह, पवन चौधरी, रमेश पुरोहित, मोहम्मद सलीम, सरिता पुरोहित, सुनील कनोजिया आदि शामिल थे।

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