आईएएस-आईपीएस शामिल भाजपा के प्रभारी अरूणसिंह, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, अध्यक्ष सी.पी.जोशी ने ज्वाइन करवाई पार्टी

आरएनई, स्टेट ब्यूरो।
चुनाव नजदीक आते-आते नेताओं के दल-बदल का सिलसिला शुरु हो गया है। राजस्थान में इसकी शुरुआत भाजपा का दामन थामने से हुई है। भाजपा के प्रदेश कार्यालय में आज यानी 22 जुलाई को 17 नेताओं ने पार्टी की सदस्यता ज्वाइन की है। इनमें कांग्रेस के नेता, पूर्व विधायक, पूर्व आईएएस, पूर्व आईपीएस, बसपा के नेता तो शामिल है ही, अनूपगढ़ से माकपा के पूर्व विधायक पवन दुग्गल भी शामिल हैं। दुग्गल का भाजपा में शामिल होना चौंकाने वाला लगा। ऐसे में ‘रुद्रा न्यूज़ एक्सप्रेस’ ने उनसे खास बातचीत भी की। (सुनें बातचीत)

इन्होंने भाजपा ज्वाइन की:
पूर्व सांसद धनसिंह रावत, रिंकी वर्मा, बसपा से प्रत्याशी रहे लल्लूराम बैरवा, माकपा के विधायक रहे पवन दुग्गल, रानी दुग्गल, कांग्रेस के पूर्व विधायक रवीन्द्रसिंह बोहरा, विवेकसिंह बोहरा, शिवचरण कुशवाह ने अपनी पुरानी पार्टियां छोड़ भाजपा का दामन थामा। पार्टी से निकाले गए डीडी कुमावत, सिकराय की पूर्व एमएलए गीता वर्मा, ममता राठौड़ भी पार्टी ज्वाइन करने वालों में है।

ये रिटायर्ड अधिकारी भी आए भाजपा में:
पूर्व आईएएस जसवंत संपतराम, पूर्व आईएएस सत्यपालसिंह, पूर्व आईएएस मनोज शर्मा, रिटायर्ड एडिश्नल कमिश्नर दिनेश रंगा जैसे पूर्व ब्यूरोक्रेट्स ने भी भाजपा का दामन थामा है।

पवन दुग्गल की पाला-बदली ने चौंकाया: ‘रूद्रा न्यूज‘ से बातचीत में कहा, बिकाऊ हो गया है कम्युनिस्ट तंत्र

घड़साना किसान आंदोलन से सुर्खियों में आने के बाद अनूपगढ से माकपा के विधायक बने पवन दुग्गल का अचानक भाजपा के पाले में आना चौंकाने वाला निर्णय है। पिछले साल दिल्ली में हुए किसान आंदोलन में वे पार्टी की ओर से अगुवाओं की भूमिका में थे। मोदी सरकार पर किसान विरोधी होने के आरोप लगा रहे थे। अब अचानक भाजपा ज्वाइन करने के साथ ही कहा है, मोदी-योगी की नीतियां किसान-मजदूर-गरीब के हित में हैं।

मैं जिस विचार में पला उस विचार में इन वर्गों के हित में आवाज उठाना सिखाया गया है। कम्युनिस्ट पार्टी अपने मूल सिद्धांत से भटक गई है। उनका तंत्र बिकाऊ हो गया है। मोदीजी किसान, गरीब, मजदूर के हित की योजनाएं ला रहे हैं। उन्हें धरातल पर अमली जामा पहना रहे हैं। गरीब को मकान, रोटी, कपड़ा, पढ़ाई चाहिए। इन सभी का इंतजाम कर रहे हैं। इसी से प्रभावित होकर भाजपा में हूं।

जिनके साथ रहे उन पर निशाने:
विधायक बलवान पूनिया और गिरधारी महिया पर इशारा कर कहा, दोनों विधायकों ने राज्यसभा में कांग्रेस को वोट दिया। जिन हेतराम बेनीवाल को देख-देखकर हमने सीखा वे अशोक गहलोत के सम्मान में खड़े रहते हैं। किसान आंदोलन के दौरान मैं साथ था लेकिन वहां भी पार्टी की जो गतिविधियां थी वे कहीं से भी किसानों के हित में नहीं दिखी। ऐसे में किसानों और मजदूरों के हित में काम करते रहने के लिए भाजपा को चुना है।

 

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