मंगल भवन अमंगल हारी…पीबीएम में इंजेक्शन लगाने वाले नर्सिंगकर्मियों ने रामायण की चौपाइयां पढीं

नर्सेज का धरना, ज्योति पूनिया को बनाया महिला संघर्ष संयोजक
आरएनई, बीकानेर।
‘पीबीएम हॉस्पिटल में नर्सेज‘ इन चार शब्दों का उच्चारण करते ही जेहन में सफेद कपड़े पहने मेल-फीमेल नर्सिंगकर्मी की तस्वीर उभरती है जो किसी मरीज को इंजेक्शन लगा रहे हैं या घाव पर मरहम-पट्टी कर रहे होते हैं। इससे इतर शनिवार को तस्वीर दूसरी उभरी। स्थान पीबीएम हॉस्पिटल ही था। यहां एकत्रित महिलाएं भी नर्सिंगकर्मी ही थीं लेकिन उनके हाथों में सिरिंज या गॉज-पट्टी की जगह थी सुंदरकांड की पुस्तिका। आमतौर पर मरीजों को हिदायत देने के लिए हिलते होठों पर तैर रही थी चौपाइयां।


वजह, ये नर्सिंगकर्मी अपनी मांगों को लेकर आन्दोलित है और धरना लगाए हुए आज पांचवां दिन हो गया है। ऐसे में हर दिन नारे लगाने की बजाय इन्होंने सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड पाठ किया। आज के धरने का नेतृत्व भी महिला कार्मिकों के कंधों पर था।

इस मौके पर ज्योति पूनिया को संयुक्त संघर्ष समिति का महिला संयोजक भी बनाया गया।
पांचवे दिन धरने की अगवाई वरिष्ठ महिला नर्सेज चंदू गुप्ता ने की। उनके नेतृत्व में ज्योति पुनिया, सरोज रावत, भगवती आसवानी, मंजू जनागल, सीमा भाटी, दुर्गा गहलोत, रोशनी विश्नोई और तरामनी आदि शामिल रहे।
संघर्ष समिति सयोजक मण्डल ने सर्वसम्मति से संघर्ष समिति का विस्तार करते हुए ज्योति पुनिया को महिला संघर्ष सयोजक नियुक्त किया ।
ये हैं मांगें:
संघर्ष सयोजकों ने बताया कि नर्सेज 11 सूत्री मांगों को लेकर संघर्षरत है। इनमें वेतन विसंगति, संविदा नर्सेज का नियमितीकरण, नर्सिंग निदेशालय की स्थापना, प्राथमिक उपचार का अधिकार, कैडर रिव्यू, समयबद पदोन्नति, नर्सिंग ट्यूटर-एएनएम-एलएचवी का पदनाम परिवर्तन सहित अन्य मांगों को लेकर संघर्षरत हैं।

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