कोर्ट ने वसूली के आदेश पर रोक लगाया, सरकार से जवाब मांगा

आरएनई, बीकानेर। बीकानेर की एक कंपनी ने बेतहाशा फ्यूल चार्ज वसूली को गलत बताते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने मामले को स्वीकार करते हुए सरकार एवं विद्युत निगम सहित इससे जुड़ी विद्युत कंपनी को कहा गया है कि वसूली के लिए अभी दबाव नहीं बनाएं। इस मामले में कोर्ट में अपना जवाब पेश करें। याचिका दायर करने वाली कंपनी के अधिवक्ता इस आदेश को एक तरह से वसूली पर स्टे की तरह व्याख्यायित कर रहे हैं।


मामला यह है :

यह मामला बीकानेर की सिरेमिक्स ग्रेन्टियो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की ओर से कोर्ट में लगाया गया है। कंपनी के एडवोकेट अनिल व्यास एवं अमित गौड़ ने फ्यूल चार्ज वसूली को लेकर सरकार एवं विद्युत नियामक आयोग के आदेशों को अव्यवहारिक बताते हुए इनकी वसूली पर रोक लगाने और अतिरिक्त फ्यूल सरचार्ज हटाने की अपील की है। इसी पर कोर्ट ने वसूली पर दबाव नहीं देने और सरकार की ओर से जवाब पेश करने को कहा है।


क्या कहते हैं अधिवक्ता:

याचिका दायर करने वाली कंपनी के अधिवक्ता अमित गौड़ का कहना है, सरकार ने कोयले की जरूरत, खपत, इससे होने वाली बिजली की मात्रा, उत्पादन, वितरण से जुड़े विभिन्न कामों का पूरा अनुमान नहीं लगाया। आगे कंपनियों को पैसे का भुगतान भी नहीं किया। सप्लाई रूक गई तो महंगे दामों में बिजली खरीदी। ऐसे में बढ़ा हुआ पैसा अतिरिक्त या विशेष फ्यूल चार्ज के रूप में उपभोक्ताओं से वसूल रही है जो पूरी तरह गलत है।


क्या हो सकता है आगे:

अधिवक्ता गौड़ का कहना है, कोर्ट में अगर फ्यूल चार्ज अतार्किक होने और सरकारी की लापरवाही या खामी का खमियाजा उपभोक्ताओं को भुगतने की बात मान ली जाती है तो अतिरिक्त फ्यूल चार्ज कैंसल हो सकता है। इस फैसले के आधार पर आम उपभोक्ता भी कोर्ट में दावा कर सकते हैं।

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