लाल डायरी का हाई वोल्टेज ड्रामा : बर्खास्त मंत्री गुढ़ा विधानसभा से भी निलंबित, भाजपा के मदन दिलावर भी सस्पेंड

विधानसभा दो अगस्त तक स्थगित, बीएसी बैठक में भाजपा नहीं गई

कहानी पूरी फिल्मी है : राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में विधानसभा से लेकर सड़क तक हुआ ऐसा पॉलिटिकल ड्रामा आपने पहले नहीं देखा होगा

सस्पेंस : डायरी में किसका नाम ? गद्दार कौन ?

इमोशन : मैंने सरकार बचाई, मुझे लातों से मारा

थ्रिल : जान पर खेलकर एक नेता के कब्जे से निकालकर लाया लाल डायरी, नहीं लाता तो आज ‘वो‘ जेल में होते।

एक्शन : धारीवाल का माइक दबाया, रफीक ने धकेला, जमकर धक्का-मुक्की

स्पेशल एपियरेंस : भाजपा के मदन दिलावर भी उबले, सदन से निलंबित

स्क्रिप्ट : विधानसभा से पहले, सदन के अंदर और बाहर गुढ़ा के कट-टू-कट डायलॉग, भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस, गजेन्द्रसिंह शेखावत के आरोप

हीरो : हाल-फिलहाल राजेन्द्रसिंह गुढ़ा

सहयोगी कलाकार : भाजपा के राजेन्द्र राठौड़, मदन दिलावर

विलेन : दिखने में गहलोत बॉस के सिपहसालार, बाकी सस्पेंस खुलने के बाद

रिलीज : भाजपा मुख्यालय पर ‘भ्रष्टाचार की लाल किताब

आरएनई, स्टेट ब्यूरो।

राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पॉलीटिकल घटनाक्रम संभवतया नहीं देखा गया। एक विधायक सदन में खड़ा होकर डायरी लहरा रहा है और कह रहा है इसमें सरकार चलाने वालो का कच्चा चिट्ठा है। कई सदस्य झपटते हैं। धक्का-मुक्की होती है। लात-घूंसे चलने की बातें भी आई हैं। मार्शल आते हैं। उसे उठाकर बाहर फेक आते हैं। आरोप लगता है, डायरी छीनकर फाड़ दी गई। इसके साथ ही कहानी में इमोशनल टच आता है। रोते-रोते वह कहता हैं, मैंने सरकार बचाई और मुझे ही सदन में लातों से मारा।

आंसू पोंछकर, अहसान जताते हैं, मैं यह डायरी नहीं लाता तो आज ‘वो‘ जेल में होते। लाया कैसे ? यह भी बाकायदा जासूसी फिल्म की तरह। एक नेता के घर से निकालकर लाया। उन्होंने पूछा भी था- डायरी फाड़ दी, या जला दी क्या ? अगर उसमें ऐसा कुछ नहीं था तो यह क्यों कहा। दावा- डायरी सार्वजनिक कर देता तो कई जेल में होते।

कमोबेश कुछ इसी तरह शुरू होकर इंटरवल तक पहुंची राजस्थान विधानसभा में राजेन्द्रसिंह गुढ़ा की ‘लाल डायरी‘ से जुड़ी कहानी। बर्खास्त किए गए मंत्री गुढ़ा की डायरी से शुरू हुआ घटनाक्रम इतने मोड़ ले गया कि किसी मसाला हिन्दी फिल्म की कहानी को भी पीछे छोड़ता नजर आया। इसमें सस्पेंस, थ्रिल, इमोशन, ड्रामा, एक्शन सहित वे सभी तत्व शामिल है जो हिट फिल्म के लिए जरूरी होती है। रही-सही कसर लांचिंग की थी। वह भी पूरी हो गई। नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ‘भ्रष्टाचार कृत लाल किताब‘ का विमोचन किया। यह पोस्टरनुमा किताब भाजपा मुख्यालय के बाहर लगाई जाएगी।

यह हुआ:

-बर्खास्त मंत्री गुढ़ा हाथ में लाल डायरी लिए सदन में पहुंचे। स्पीकर की ओर बढ़े।
-स्पीकर ने उन्हें बात करने के लिए बाद में चैंबर में आने को कहा, पर वे डटे रहे।
-शांति धारीवाल खड़े होकर कुछ बोलने लगे। बाहर निकालने का प्रस्ताव दे रहे थे।
-गुढ़ा ने उनके सामने पहुंच माइक दबा दिया।
-विधायक रफीक आगे आ गए। दो-चार और सदस्यों भी बढ़े। धक्का-मुक्की हुई।
-गुढ़ा का आरोप- मुझे नीचे पटका। शांति धारीवाल ने मुझे लातें मारी।
-धारीवाल बोले- वो मेरी तरफ बढ़े। माइक दबाया। दूसरे सदस्य बीच-बचाव नहीं करते तो बड़ी घटना हो जाती।
-स्पीकर सी.पी.जोशी ने मार्शल के जरिये गुढ़ा को बाहर भिजवा दिया। सदन की कार्रवाई स्थगित।
-दो बजे फिर सदन की कार्रवाई शुरू हुई लेकिन भाजपा वैल में आ गई। इस बार गुढ़ा के साथ भाजपा के मदन दिलावर को भी सदन से निलंबित कर दिया।
-अध्यक्ष ने बीएसी की मीटिंग बुलाई। भाजपा की ओर से कोई नहीं गया।
-भाजपा ने ना-पक्ष लॉबी में अलग मीटिंग की।
-विधानसभा दो अगस्त तक के लिए स्थगित।

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