धमेन्द्र राठौड ने कहा-इनकम टैक्स रैड के दौरान गुढ़ा आए जरूर थे, किसी डायरी का जिक्र नहीं हुआ, मणिपुर मुद्दे से भटकाने के लिए गुढ़ा को मोहरा बनाया

‘लालडायरी‘ पर आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेन्द्र राठौड़ का बयान, गुढ़ा भाजपा और कांग्रेस के कुछ नेताओं के षड़यंत्र में शामिल
आरएनई, स्टेट ब्यूरो।  राजेन्द्रसिंह गुढ़ा की कथित ‘लाल डायरी‘ थी या नहीं। इसमें कोई रहस्य भी है या नहीं। इस बारे में तो कयास ही लगाए जा सकते हैं लेकिन इस मसले पर नेताओं के बीच विवाद और जुबानी जंग जोर पकड़ चुकी है। गुढ़ा ने दावा किया था कि आरटीडीसी चेयरमैन धमेन्द्र राठौड़ के घर इनकम टैक्स की रैड पड़ी थी। उस वक्त मैं वह डायरी अधिकारियों से छीन कर लाया था।

रैड के वक्त गुढ़ा आए थे, तीन डायरिया इनकम टैक्स वाले ले गए:

अब इस मसले पर धर्मेन्द्र राठौड़ का बयान आया है। राठौड़ का कहना है, उस वक्त मध्यप्रदेश की तर्ज पर राजस्थान की सरकार गिराने की साजिश चल रही थी। इसी साजिश में केन्द्रीय एजेंसियां मेरे सहित मुख्यमंत्री के परिजनों के यहां भी छापामारी कर रही थी। मेरे घर जब इनकम टैक्स वाले आए तो उस वक्त गुढ़ा भी आए थे।  इनकम टैक्स वाले तीन गांधी डायरियां लेकर जरूर गए हैं। मैं गांधी डायरी में अपने दैनंदिन अनुभव लिखता हूं। गुढ़ा ने मेरे सामने किसी लाल डायरी का जिक्र नहीं किया।

सभी कहते थे, गुढ़ा अविश्वसनीय लेकिन मैंने साथ दिया:

राजेन्द्र गुढ़ा से लंबे समय से पारिवारिक संबंध रहे हैं। हमारे संबंधों की प्रगाढ़ता इतनी रही कि लगभग 10 वर्ष पहले वो मेरे घर में रहे। उस समय इनके विधानसभा क्षेत्र के कई लोग आकर मुझसे इनकी आलोचना कर कहते थे कि इनको अपने घर में नहीं रखना चाहिए क्योंकि ये बेहद अविश्वसनीय व्यक्ति हैं। व्यक्तिगत संबंधों के कारण मैंने उन बातों पर ध्यान नहीं दिया।

मैंने पार्टी हित में साथ दिया, ये पार्टी के खिलाफ बोलते-काम करते गए:

एक कांग्रेस कार्यकर्ता होने के नाते मैंने हमेशा इनकी मदद की। वर्ष 2009 व 2019 में अन्य बसपा विधायकों के साथ इन्होंने कांग्रेस जॉइन की। ये तब भी मेरे संपर्क में रहे और इनका बैकग्राउंड जानते हुए भी पार्टी हित में मैंने इनका साथ दिया। पिछले लगभग सालभर से राजेन्द्र गुढ़ा पार्टीलाइन से हटकर कांग्रेस नेताओं के खिलाफ ही बयानबाजी कर रहे थे।

शेखावत ने बिन पैंदे का लोटा कहा, अब तारीफ कर रहे:

मैंने गुढ़ा को समझाने का प्रयास किया कि ऐसा ना करें परन्तु मैं तब समझ नहीं पाया कि ये अंदर ही अंदर क्या षड़यंत्र चल रहा है और ये किन.किन कांग्रेस और बीजेपी नेताओं के संपर्क में हैं। आज आश्चर्यजनक रूप से राजेन्द्र गुढ़ा की प्रशंसा कर रहे केन्द्रीय मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कुछ दिन पूर्व गुढ़ा जी को जब बिन पैंदे का लोटा कहा था, तब भी मैंने इनका बचाव किया था।

सरकार गिराने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों से छापे मरवाए:

भाजपा ने मध्य प्रदेश की तर्ज पर राजस्थान में भी सरकार गिराने का प्रयास किया। इसी षड़यंत्र का हिस्सा केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा कांग्रेस नेताओं, तमाम प्रतिष्ठानों एवं मुख्यमंत्री के भाई तक के घर पर छापा डाला।

गुढ़ा आए थे, डायरी की कोई चर्चा नहीं:

मुझे याद है कि उस घटनाक्रम (छापे) के दौरान राजेन्द्र गुढ़ा मेरे घर आए थे। इस घटनाक्रम से लेकर कभी भी मेरे से इन्होंने किसी लाल डायरी की चर्चा नहीं की। मैं संभवतया हमेशा गांधी डायरी का उपयोग करता हूं और अपनी दिनचर्या इसमें लिखता हूं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लोग मेरे घर से 3 डायरियां लेकर गए थे जिनमें ऐसी गांधी डायरियां थीं। ये उनके रिकॉर्ड में भी दर्ज हैं।

मणिपुर मुद्दे से भटकाने के लिए गुढ़ा मोहरा:

कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियां मणिपुर में हो रहीं हिंसा, महिलाओं से बलात्कार और हत्याओं के मामले पर संसद में चर्चा करना चाहती हैं। पूरे देश-दुनिया की नजर इस पर हैं पर संसद नहीं चल पा रही है। दिल्ली से लेकर जयपुर तक भाजपा राजस्थान सरकार पर झूठे आरोप लगाकर मणिपुर के मुद्दे की गंभीरता को कम करने का षड़यंत्र कर रही है। उसी षड़यंत्र के अंतर्गत राजेन्द्र गुढ़ा को मोहरा बनाकर ये हाई वोल्टेज ड्रामा रचा गया है। प्रधानमंत्री के राजस्थान दौरे से महज 3 दिन पहले राजेन्द्र गुढ़ा और बीजेपी के नेताओं के जो बयान विधानसभा के अंदर और बाहर आए हैं वो इसी षड़यंत्र का हिस्सा हैं। हालांकि वो इसमें सफल नहीं हुए।

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