नर्सेज का धरना : तेवर आर-पार के संघर्ष वाले, नर्सिंग शिक्षक भी मैदान में

सरकार की अनदेखी का शिकार है नर्सिंग शिक्षा, उच्च योग्यताधारी नर्सेज को न अतिरिक्त मानदेय न ही उचित प्रमोशन

आरएनई, बीकानेर। राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा चल रहा धरना को आज तेरह दिन हो गए। लगता है इस बार नर्सेज यूनियन इस पार या उस पार की लड़ाई की तैयारियों के साथ इस धरने के रूप में उतरें हैं। राज्य सरकार इनकी मांगों को कब तक मानेगी ये तो आने वाला समय ही बताएगा। फिलहाल धरना जारी है।

राजस्थान नर्सेज संयुक्त संघर्ष समिति के तत्वाधान में राज्यव्यापी आह्वान पर अनिश्चित कालीन धरना तेरवें दिन पीबीएम अस्पताल स्थित गोल पार्क में जारी। समिति का संकल्प है कि मांगे नहीं माने जाने तक यह धरना लगातार जारी रहेगा। आज के धरने की अगुवाई राजकीय कॉलेज ऑफ नर्सिंग बीकानेर के प्राचार्य धनश्याम जांगिड़ ने संघर्ष समिति के आह्वान पर की। धरने में नर्सिंग शिक्षक जयश्री वैष्णव, छोटू कुमारी, सुदीप्ता ढाका, अनुपम पारीक, अमिताभ तंवर, वीरसिंह, पूनम कुमारी, अब्दुल रजाक, डूंगरराम जाम, सुमन पूनिया, दिवेश हटीला और नर्सेज लीडर महिपाल चौधरी सहित नर्सिंग कॉलेज के शिक्षक व बीकानेर जिले के नर्सेज ने भाग लिया।

नर्सेज लीडर महिपाल चौधरी ने कहा कि नर्सिंग शिक्षा सालों से सरकारों की अनदेखी का शिकार हो रही है जो अनवरत जारी है। इस वजह से सेवारत नर्सेज उच्च शिक्षा से दूर हो रहे। नर्सिंग शिक्षा प्राप्त उच्च योग्यताधारी नर्सेज को सहायक कर्मचारियों से भी कम वेतन मिल रहा है। नर्सिंग उच्च शिक्षा लेने के बाद चिकित्सकों की भांति न तो अतिरिक्त वेतन वृद्धि मिल रही और न ही योग्यता के अनुरुप प्रमोशन जिसके चलते समस्त नर्सेज में आक्रोश व्याप्त है।

संघर्ष सयोजक रविन्द्र विश्नोई ने कहा कि नर्सिंग शिक्षको की वाजिब मांगो से साथ नर्सेज वेतन विसंगति, संविदा नर्सेज का नियमितीकरण, नर्सिंग निदेशालय की स्थापना, प्राथमिक उपचार का अधिकार, कैडररिव्यू, समयबद पदोन्नति, नर्सिंग ट्यूटर, एएनएम, एलएचवी का पदनाम परिवर्तन, नर्सिंग छात्रों के स्टाई फंड में वृद्धि सहित अन्य मांगे शामिल हैं। संघर्ष समिति के सयोजकों ने बताया कि कल दिनांक 31 जुलाई को यूटीबी नर्सेज की अगुवाई में धरना जारी रहेगा।

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