सावन का चौथा सोमवार ; कई खास योग, संयोग है इस दिन, पूजा-अभिषेक का विशेष महत्त्व

  • रवि, विषकंभ और प्रीति तीन योग बन रहे हैं एक दिन में
  • सोमवार सुबह से मंगलवार तड़के तक 24 घंटों में तीन तिथियां
  • इस बार सावन में चार या पांच नहीं आठ सोमवार है

आरएनई, बीकानेर।
कहते हैं कि जब कुछ भी पाना हो और सारे रास्ते बंद नजर आएं तो देवाधिदेव महादेव के द्वार पर जाओ। कोई संकट हो तो उससे मुक्ति पाने का सबसे बड़ा और अचूक उपाय है शिव की पूजा और अभिषेक। आम दिनों में ही इसका खास महत्त्व है तो फिर सावन में यह महत्त्व कई गुना बढ़ जाता है। उस पर अगर पूजन, अभिषेक सावन के सोमवार को किया जाए तो सब संकटों से मुक्ति और वांछित फल मिलने की संभावना अत्यधिक होती है।


आज है सावन का चौथा और खास सोमवार:
यही वजह है कि आज यानी सावन के चौथे सोमवार को शिवालयों में भक्तों का तांता लगा है। घी, दूध, दही, जल, गन्ने का रस से लेकर आमरस तक से महादेव का अभिषेक किया जा रहा है। आमतौर पर सावन में चार या पांच सोमवार होते हैं। इस बार अधिक मास होने से सावन दो है और सोमवार भी आठ।


ये योग बने है चौथे सोमवार को :
रवि योग : सुबह 05 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 58 मिनट तक है।
विष्कम्भ योग : सुबह से लेकर रात 11 बजकर 05 मिनट तक।

प्रीति योग : रात को 11.05 बजे से।
रवि और प्रीति योग को बहुत शुभ माना जाता हैं।
तीन तिथियां :
सोमवार सुबह से मंगलवार तड़के तक 24 घंटों में तीन तिथियां होगी। तिथि क्षय के साथ त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा तिथियां इस अवधि में समाहित है।

क्या कहते हैं विद्वान :


पंडित जितेन्द्र आचार्य कहते हैं, योग, संयोग, शुभ योग, दुर्योग सब बनते-बिगड़ते रहते हैं। इनका अपना महत्त्व है लेकिन देवाधिदेव महादेव के पूजन से सर्व सिद्धि होती है। ये महाकाल है ऐसे में किसी भी काल यानी समय में पूजन किया जा सकता है। इसके बावजूद शुभ संयोग और सावन में पूजन खास ही संतुष्टिदायी होता है।

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