लाल डायरी के तीन पन्ने खुलते ही राजनीति गरमाई, गुढ़ा का सीधे सीएम व उनके पुत्र पर आरोप, धर्मेंद्र को भी लपेटा

राजस्थान की राजनीति को पिछले एक सप्ताह से लाल रंग में रंगने वाली लाल डायरी के तीन पन्ने आज बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र सिंह गुढ़ा ने सार्वजनिक किये। जिनमें आरसीए को लेकर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप सीएम के पुत्र, धर्मेंद्र सिंह राठौड़ व अन्यों पर लगाए हैं। उनके तीन पन्ने जारी होते ही विपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़ ने मुद्दा लपक लिया और सरकार पर हमलावर हो गये। कांग्रेस की तरफ से इन तीन पन्नों का ठोस जवाब अभी तक किसी नेता ने नहीं दिया है।

लाल डायरी के तीन पन्ने जारी होने के बाद अब ये तो साफ हो गया कि न केवल गुढ़ा अपितु भाजपा भी इसी डायरी के जरिये भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ेगी। क्योंकि कर्नाटक में कांग्रेस ने इसी मुद्दे पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। इसके अलावा पीएम ने भी सीकर की सभा में लाल डायरी पर ध्यान केंद्रित करा ये संकेत दे दिया कि भाजपा इस मुद्दे को छोड़ने वाली नहीं है।

भाजपा का संगठन वैसे भी दूसरा कोई बड़ा मुद्दा अब तक गहलोत सरकार के खिलाफ मजबूती से खड़ा भी नहीं कर पाई थी। इस मुद्दे में विपक्ष को तो गुढ़ा के बयानों को आधार बनाकर केवल आरोप लगाने है, जवाब तो कांग्रेस को देने होंगे।

लाल डायरी का सच तो अब परीक्षण के स्तर पर जा ही नहीं सकता क्योंकि चुनाव में समय कम है, इसलिए अभी तो जो भी बात लाल डायरी के भीतर होने को लेकर कही जायेगी वो केवल आरोप की ही श्रेणी में आयेगी।

कांग्रेस भी इस मुद्दे को लेकर चुप नहीं बैठी है, वो भी भीतर ही भीतर इसकी काट की रणनीति बना रही है। राजस्थान में मधुसूदन मिस्त्री को लगाने के पीछे भी यही कारण है। वे कुशल संगठनकर्ता है और वार रूम को पीछे रहकर संचालित करेंगे।

कांग्रेस लाल डायरी के कुछ और आरोप आने के बाद इस विषय पर कारगर हमला करने की रणनीति बना रही है। कांग्रेस को राजनीति की रवायत पता है, आक्रमण ही सबसे बड़ी रक्षा होती है। उसी की रणनीति बन रही है। खास बात ये भी है कि सचिन पायलट भी इस डायरी को महत्त्व न देने की बात कहकर आरोपों को नकार चुके हैं। मगर इतना तय है कि लाल डायरी चुनाव होने तक अपना वजूद कायम रखेगी।

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