रूद्रा एनालिसिस : शिविरा के मुताबिक 240 कार्य दिवस, केवल 205 दिन ही मिलेंगे पढ़ने-पढ़ाने के लिए

आरएनई, बीकानेर।
शिक्षा विभाग ने हाल ही 1 जुलाई 2023 से 30 जून 2024 के लिए शिविरा पंचांग जारी किया गया है। शिविरा पंचांग में मध्यावधि, शीतकालीन, ग्रीष्मावकाश के अलावा 240 कार्य दिवस निर्धारित किए गए हैं। पहली बार पंचांग देखने पर ऐसा लगता है कि स्कूलों में बालक-बालिकाओं को 240 दिन पढ़ाया जाएगा लेकिन पंचांग के विश्लेषण से हकीकत बयां होती है कि स्कूलों में वार्षिक परीक्षा से पहले 240 दिन कक्षा शिक्षण नहीं करवाया जा सकता है।

इसलिए पढ़ने के दिन कम :

वजह, स्कूलों में अनेक कार्य ऐसे होते हैं जो कक्षा शिक्षण को प्रभावित करते हैं। मसलन सत्र में तीन परख ली जाती है और प्रत्येक के लिए 3 दिन निर्धारित हैं। इससे कुल 9 दिन कक्षा शिक्षण नहीं होता है ऐसे ही अर्धवार्षिक परीक्षा में 13 दिन लग जाते हैं और इस परीक्षा से पहले 1 दिन तैयारी अवकाश रहता है। वार्षिक परीक्षा से पहले 2 दिन तैयारी अवकाश रहता है।

ये भी हैं छुटटियां :

राज्य में 2 दिन जिला तथा 2 दिन राज्य स्तर पर शैक्षिक सम्मेलन होते हैं इन दिनों शिक्षकों का अवकाश रहता है। 2 दिन तहसील स्तरीय शिक्षक खेलकूद में सभी शिक्षक भाग लेते हैं। जिलों में जिला कलेक्टर द्वारा 2 दिन तथा संस्था प्रधान द्वारा 2 दिन अवकाश घोषित किया जाता है। ऐसे में 35 दिन कक्षा शिक्षण नहीं हो पाएगा और बालकों को पढ़ने तथा शिक्षकों को पढ़ाने के लिए केवल 205 दिन मिलेंगे। प्रतियोगी परीक्षाओं के केंद्र बनने वाली स्कूलों में ऐसी परीक्षा के दिनों बालकों का अवकाश कर दिया जाता है।

यहां ये बात भी गौर करने लायक है कि इतने दिन भी पढ़ाई तब होगी जब तय शेड्यूल से स्कूलें संचालित हों। कई इलाकों में तेज बारिश, तो कई जगह दूसरी प्राकृतिक या आकस्मिक परिस्थियों के कारण छुट्टियां बढ़ानी पड़ जाती है। चुनावी साल होने से भी स्कूल प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में सरकार को ऐसे उपाय करने की जरूरत है जिनसे पढ़ाई पर पड़ने वाला विपरीत प्रभाव रोका जा सके।

शिक्षा विभाग ने जो शिविरा पंचाग जारी किया है, उसमें स्कूलों में पढ़ाई व अवकाश का तय शैड्यूल इस प्रकार रहेगा –

यह अवकाश रहेंगे:

स्कूलों में इस बार मध्यावधि अवकाश 7 से 19 नवम्बर तक रहेगा। वहीं शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर से 5 जनवरी 2024 तक रहेगा। ग्रीष्मावकाश 17 मई से 23 जून 2024 तक रहेगा। वार्षिक परीक्षा, बोर्ड परीक्षा में अंतिम परीक्षा होने के उपरांत विद्यार्थियों को आगामी कक्षा में अस्थायी प्रवेश दिया जाए।

नए सत्र का प्रथम चरण 1 मई से…
नवीन सत्र 1 मई 2024 से शुरू होगा और 16 मई तक प्रवेशोत्सव का प्रथम चरण होगा। वहीं 24 से 30 जून 2024 की अवधि में प्रवेशोत्सव के द्वितीय चरण का आयोजन किया जाएगा।

ग्रीष्मकाल में यह रहेगी समय सारणी:
ग्रीष्मकाल में स्कूल संचालन का समय 1 अप्रेल से 30 सितंबर तक होगा, इस दौरान स्कूल 7ः30 से 1ः00 बजे तक (कुल 5ः30 घंटे), प्रत्येक कालांश 35 मिनट का होगा।

शीतकाल में यह रहेगा समय:
इसमें कलांश विभाजन का समय 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक रहेगा। इसमें 10ः00 से 4ः00 बजे तक(कुल 6ः00 घंटे) (01 से 06 कालांश 40 निट और 07 से 08 कलांश 35 मिनट) वहीं प्रत्येक शनिवार को स्कूल में नो बैग डे रहेगा।

इन तिथियो में होगी परीक्षाएंः

शिविरा की ओर से जारी कार्यक्रम के अनुसार नए सत्र में वार्षिक परीक्षाएं 8 अप्रैल 2024 से 25 अप्रेल तक होगी। स्थानीय परीक्षा परिणाम 30 अप्रेल को घोषित किया जाएगा।

प्रार्थना सभा 25 मिनट की होगी: 

प्रार्थना सभा कार्यक्रम के लिए 25 मिनट का समय निर्धारित है। इसमें राष्ट्रगीत, प्रार्थना, योगाभ्यास, सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, समाचार वाचन, प्रतिज्ञा, राष्ट्रगान आदि प्रमुख है। प्रत्येक माह के प्रथम सोमवार को प्रार्थना सभा में समस्त कार्मिक एवं विद्यार्थी तम्बाकू का उपयोग नहीं करने की शपथ लेंगे।

शैक्षिक सम्मेलन:

जिला स्तरीय शैक्षिक सम्मेलन इस बार 13 व 14 अक्टूबर तक और राज्य स्तरीय सम्मेलन का आयोजन 19 से 20 जनवरी 2024 तक रहेंगे।

एक्सपर्ट सुझाव :

राजस्थान प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री महेंद्र पाण्डे ने बताया कि पढ़ाई को बाधित करने से रोकने के लिए सबसे पहले प्रतियोगी परीक्षाओं के टाइम टेबल को सुधारें। सरकार द्वारा सभी एजेंसियों को प्रतियोगी परीक्षाएं केवल स्कूलों में अवकाश के दिनों में ही करवाने का निर्देश दिए जावें।

 

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