धुआंधार बोर्ड गठन करते मुख्यमंत्री जी एक समाज की सालों से उठ रही मांग को नजरअंदाज कर गए, उपेक्षित प्रतिनिधि कल्ला से मिले, उलाहना दिया

श्रीपीपा क्षत्रिय दर्जी समाज-श्रीनामदेव छीम्पा दर्जी समाज ने ‘सिलाई कला बोर्ड’ बनाने की मांग दोहराई

आरएनई, बीकानेर।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक साथ आठ नए सामाजिक बोर्ड गठन की घोषणा करने के साथ ही कई समाजों को साधने की कोशिश की। इससे पहले भी बड़ी संख्या में सामाजिक बोर्ड गठित कर दिये। इन सबके बीच एक समाज ऐसा भी है जो सालों से विकास बोर्ड गठित करने की मांग कर रहा है, उसकी मांग पूरी ही नहीं हुई। ऐसे में दुखी और आक्रोशित सामाजिक प्रतिनिधियों ने बीकानेर में शिक्षामंत्री डा.बी.डी.कल्ला से मिलकर अपनी नाराजगी जताई। सवाल किया-इतने बोर्ड बन गए हमारे समाज की मांग अनदेखी क्यों की? डा.कल्ला ने उनकी मांग और नाराजगी दोनों को जायज मानते हुए कहा, मैं इस बारे में कल ही मुख्यमंत्री जी से बात करूंगा और जो भी संभव होगा वह प्रयास करूंगा।

दरअसल बात हो रही है पीपा क्षत्रिय दर्जी समाज और नामदेव छींपा दर्जी समाज की। दोनों समाज के प्रतिनिधि लंबे समय से कल्याण बोर्ड की मांग कर रहे हैं और बीकानेर से लेकर जयपुर तक के चक्कर लगा चुके हैं। कई बार ज्ञापन-प्रस्ताव दिये। हर बार आश्वासन भी मिला।

श्रीपीपा क्षत्रिय दर्जी समाज बीकानेर तथा श्रीनामदेव छीम्पा दर्जी समाज की ओर से शिष्टमंडल शनिवार देर रात शिक्षामंत्री डा. बी.डी. कल्ला से मिला। “संत श्रीपीपा जी” एवं “संत श्रीनामदेव जी” के संयुक्त नाम से “सिलाई कला बोर्ड” के गठन करने की मांग की।

श्रीपीपा क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष सीताराम कच्छावा, श्रीनामदेव छीम्पा समाज बीकानेर के अध्यक्ष मदन लाल पंवार, हनुमान दैया, कन्हैयालाल टाक, पुखराज तंवर, श्याम लाल चौहान, गिरधर सोलंकी, एस. रमण, जे.पी. टाक, भंवरलाल दैया, मुरलीधर दैया, सूर्य प्रकाश सोलंकी, सुरेश सोलंकी, प्रो. विशाल सोलंकी आदि शामिल थे।

श्रीपीपा क्षत्रिय के समाज के अध्यक्ष सीताराम कच्छावा तथा नामदेव छीम्पा समाज के अध्यक्ष मदन लाल पंवार ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा 8 नए बोर्डों राजस्थान राज्य वाल्मीकि कल्याणबोर्ड, मेघवाल कल्याण बोर्ड, पुजारी कल्याण बोर्ड, केवट कल्याण बोर्ड, जाटव कल्याण बोर्ड, धाणका कल्याण बोर्ड, चित्रगुप्त कायस्थ कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है एवं तीन दिन पूर्व अग्रसेन कल्याण बोर्ड का गठन किया गया था।

विभिन्न समाजों के बोर्डों के गठन से सिलाई का कार्य करने वाले श्रीपीपा क्षत्रिय दर्जी समाज तथा श्रीनामदेव छीम्पा दर्जी समाज के लोगों में एक आशा की किरण जगी थी। लेकिन आठ नए बोर्डों के गठन में “सिलाई कला बोर्ड “का गठन नहीं होने से दोनों समाजों में जबरदस्त निराशा एवं आक्रोश है। दोनों समाजों के अध्यक्षों ने उपरोक्त समाजों के विकास के लिए गठित बोर्ड की तर्ज पर राजस्थान में “संत श्री पीपाजी” एवं “संत श्री नामदेव जी”के संयुक्त नाम से “सिलाई कला बोर्ड” के गठन करने की मांग की ताकि सैकड़ो सालों से सिलाई का कार्य करने वाले श्रीपीपा क्षत्रिय दर्जी समाज तथा श्रीनामदेव छीम्पा दर्जी समाज के लोगों का उत्थान करने, समाज के लोगों का जीवन स्तर सुधारने, पिछड़ापन दूर करने, तथा सिलाई कला का संरक्षण करने एवं छपाई -रंगाई के कार्य को संरक्षण करने का काम किया जा सके।

डॉ बी.डी. कल्ला ने दोनों समाज के लोगों को इस हेतु सहयोग का आश्वासन दिया तथा मुख्यमंत्री महोदय से “सिलाई कला बोर्ड ” के गठन हेतु प्रयास करने की बात कही।

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