एमपी के फार्मूले को भाजपा ने राजस्थान में आगे बढ़ाया, सांसदों को उतारा

धीरेंद्र आचार्य

आरएनई, बीकानेर
चुनाव आचार संहिता लगते ही आखिरकार भाजपा ने राजस्थान में अपने उम्मीदवारों की पहली सूची अभी जारी कर दी। इस सूची में 41 उम्मीदवार तय किये गये हैं। सूची के नाम तो एक अक्टूबर को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में तय कर लिए गए थे मगर नामों की घोषणा आचार संहिता लगने के बाद आज की गई है।

भाजपा उम्मीदवारों की पहली सूची को देखकर लगता है कि पार्टी ने मध्यप्रदेश के फार्मूले को ही आगे बढ़ाया है। इस सूची में पार्टी ने भले ही केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में न उतारा हो मगर अपने 7 सांसदों को विधानसभा चुनाव में उतारा है, जिनमें एक राज्य सभा सांसद शामिल है। भाजपा ने लोकसभा सदस्य भागीरथ चौधरी, बाबा बालकनाथ, दिया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, नरेंद्र कुमार व देवजी पटेल को टिकट दिया है। वहीं राज्यसभा सदस्य किरोड़ीलाल मीणा को भी मैदान में उतारा है। एमपी में भी सांसदों को टिकट दिए गए थे। इन सभी सांसदों को अपेक्षाकृत पार्टी के लिए कमजोर सीटों पर उतारा गया है ताकि उनका जीता जा सके। उम्मीद है, अगली सूची में कुछ और सांसदों के नाम भी आयेंगे।

सूची में लक्ष्मणगढ़ से सुभाष महरिया को टिकट दिया गया है, जहां उनका मुकाबला पीसीसी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा से होगा। महरिया 2 महीने पहले ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे।

इसी तरह भाजपा ने रिटायर्ड आईएएस चंद्रमोहन मीणा को भी बस्सी से टिकट दिया है, जो थोड़े समय पहले ही भाजपा में शामिल हुए हैं। पहली सूची में चकित करने वाली बात है स्व. भैरोंसिंह शेखावत के दामाद व वर्तमान विधायक नरपत सिंह राजवी का टिकट कटना। वर्तमान में वे जयपुर के विद्याधर नगर से विधायक थे। उनका टिकट काटकर राजसमंद की सांसद दिया कुमारी को टिकट दिया गया है। जबकि भाजपा इस समय स्व. भैरोंसिंह शेखावत का जन्मशताब्दी वर्ष मना रही है।

दूसरी चकित करने वाली बात है झोंटवाडा से जयपुर ग्रामीण के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को उम्मीदवार बनाना। उनको वसुंधरा राजे के निकटस्थ राजपाल सिंह शेखावत का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया गया है। इस तरह भाजपा ने इस गुट को भी झटका दिया है।

बीकानेर जिला :

बीकानेर की श्रीडूंगरगढ़ सीट से भाजपा ने ताराचंद सारस्वत को टिकट दिया है। उन्होंने पार्टी टिकट पर पिछला चुनाव भी लड़ा था मगर तीसरे नम्बर पर रहे। इस सीट पर माकपा बड़े अंतर से जीती। इस क्षेत्र के अन्य भाजपा नेता दिल्ली भी गये और टिकट का विरोध किया। ये भी कहा कि हम में से किसी को भी टिकट दे दें मगर सारस्वत को नहीं। मगर पार्टी ने उस बात को नजरअंदाज किया। सारस्वत की संघ से निकटता है जिसका उनको लाभ मिला है।

भाजपा की पहली सूची में बीकानेर पूर्व की विधायक सिद्धि कुमारी का नाम न होना आश्चर्यजनक है। वे लगातार तीन चुनाव जीती है। वे राजे समर्थक है। उनका नाम न होने से राजनीतिक कयासों का बाजार गर्म है। इसी तरह पहली सूची में मौजूदा विधायक बिहारी विश्नोई व सुमित गोदारा का नाम न देखकर भी लोग चकित है। कुछ दिन पहले ही भाजपा में देवीसिंह भाटी शामिल हुए और उनको कोलायत से उम्मीदवार तय माना जा रहा था, मगर पहली सूची में वो नाम भी नहीं है।

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