‘पुकार’ अभियानः तेरह महीने पूरे, अब तक आयोजित हुई 26 हजार से अधिक पाठशालाएं

जिला कलक्टर की पहल पर चल रहा अभियान

बीकानेर, 8 मई। जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल पर जिले में चल रहे ‘पुकार’ अभियान को 13 महीने पूरे हो गए हैं। गर्भधारण से लेकर बच्चे के दो वर्ष का होने तक रखी जानी वाली सावधानियों के प्रति जागरुक करने के लिए उद्देश्य से गत वर्ष 6 अप्रैल को बैठकों का आयोजन शुरू हुआ। इन्हें मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण पाठशाला नाम दिया गया। इसके तहत प्रत्येक बुधवार को शहरी क्षेत्र के 200 से अधिक वार्डों ओर ग्रामीण क्षेत्र की 366 ग्राम पंचायतों में एक साथ मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण पाठशालाओं का आयोजन किया जाता है। जिला कलेक्टर ने बताया कि अभियान के तहत गत 30 अप्रैल तक 26 हजार 972 पाठशालाओं का आयोजन हो चुका है। इनमें कुल 4 लाख 44 हजार 393 महिलाओं ने भागीदारी निभाई है। इनमें 1 लाख 45 हजार 865 गर्भवती महिलाएं और 1 लाख 87 हजार 937 किशोरियां शामिल रहीं। इस दौरान 12 लाख 87 हजार 128 आयरन टेबलेट वितरित की गई। इनमें 1 लाख 40 हजार से अधिक आयरन फोलिक एसिड की गोलियां शिविरों के दौरान ही किशोरी बालिकाओं को खिलाई जा चुकी हैं।

निर्धारित किए थे विभिन्न लक्ष्य

जिला कलेक्टर ने बताया कि अभियान की रूपरेखा निर्धारण के दौरान विभिन्न लक्ष्य तय किए गए। इनके अनुसार शत-प्रतिशत गर्भवतियों का पहले 12 सप्ताह में एएनसी पंजीकरण तथा प्रत्येक गर्भवती की कम से कम 4 बार एएनसी जांच करवाना, हाई रिस्क गर्भवतियों की पहचान, उनके सुरक्षित प्रसव का नियोजन व प्रबंधन, शत-प्रतिशत प्रसव संस्थागत प्रसव तथा प्रत्येक बच्चे का समयबद्ध संपूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित हो। इनके अलावा बच्चे, किशोर-किशोरियों व महिलाओं में एनीमिया पर नियंत्रण, शत-प्रतिशत दंपतियों द्वारा 2 बच्चों में कम से कम 3 वर्ष का अंतराल रखा जाए व दो बच्चों पर स्थाई गर्भ निरोधक साधनों का उपयोग हो। आमजन को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, उड़ान योजना सहित स्वास्थ्य व पोषण संबंधी फ्लैगशिप योजनाओं की जानकारी हो।

इस प्रक्रिया से होता है क्रियान्वयन

पुकार बैठक से 1 दिन पूर्व मंगलवार को आशा सहयोगिनी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम व सहायिका संबंधित वार्ड अथवा पंचायत क्षेत्र की समस्त महिलाओं को घर-घर जाकर पीले चावल देकर बैठक में आमंत्रित करती हैं। बुधवार को उपलब्धता व प्राथमिकता के अनुसार किसी गर्भवती अथवा धात्री महिला के आवास पर जाजम बैठक आयोजित होती हैं, जहां संबंधित गांव अथवा वार्ड की सभी महिलाएं व किशोरी बालिकाएं एकत्रित होती हैं। इस दौरान विशेष रूप से तैयार पुकार संदर्भिका को प्रथम पेज से अंतिम पेज तक पढ़कर सुनाया व समझाया जाता है।
इस दौरान गर्भावस्था के दौरान आवश्यक देखभाल, संस्थागत प्रसव, विभिन्न रोगों से बचाने के लिए बच्चों को लगाए जाने वाले टीके तथा ‘डाइट चार्ट’ संबंधी जानकारी दी जाती है। इन बैठकों में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, माहवारी के दौरान स्वच्छता प्रबंधन, नशा मुक्ति एवं उड़ान योजना सहित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी जाती है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रतिनिधि प्रत्येक बैठक में मौजूद रहकर मातृ-शिशु स्वास्थ्य के प्रति चेतना जागृति के प्रयास करते हैं।
प्रत्येक वार्ड व ग्राम पंचायत को आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम के मध्य बराबर प्रभार बांट दिया जाता है। यह तीनों अपने अपने क्षेत्र के प्रत्येक घर का नियमित सर्वे कर पुकार रजिस्टर में सूचनाओं का संधारण करती है।

शून्य खर्च आधारित है कांसेप्ट

जिला कलेक्टर ने बताया कि पुकार अभियान के तहत आयोजित होने वाली मातृ-शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण पाठशालाओं का आयोजन शून्य खर्च आधारित तकनीक के आधार पर होता है। इसमें प्रत्येक सप्ताह की बैठकें गर्भवती, धात्री अथवा किशोरी के आवास पर आयोजित होती हैं। इनके आयोजन पर किसी प्रकार का व्यय नही होता। आयोजन स्थल पर आसपास की महिलाएं एकत्रित होती हैं तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा इन महिलाओं को स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़ी जानकारी उपलब्ध करवाई जाती है। प्रत्येक सप्ताह इन बातों की पुर्नरावर्ति होने से महिलाओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता आती है तथा इसके बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं।

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