राजस्थानी की मान्यता की मन्नत लेकर जत्था द्वारिका धाम रवाना

खेण से राजस्थानी की मान्यता की मन्नत लेकर जत्था द्वारिका धाम रवाना

नागौर-निकटवर्ती गांव खेण से राजस्थानी भाषा की संवैधानिक मान्यता की मन्नत लेकर जत्था द्वारिका धाम रवाना हुआ। अखिल भारतीय राजस्थानी भाषा मान्यता संघर्ष समिति राजस्थानी भाषा प्रसार संस्थान के संस्थापक एवं राजस्थानी भाषा के वरिष्ठ साहित्यकार

लक्ष्मणदान कविया ने खेण गांव से द्वारकाधीश के दर्शनार्थ पैंतालीस सदस्यों के एक जत्थे को गुरूवार सुबह 8.30 बजे झंडी दिखाकर रवाना किया। कविया ने बताया कि धार्मिक यात्राएऺ इंसान को शुकून देने वाली होती है। यह धार्मिक यात्रा भगवान कृष्ण से नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में सम्मिलित करने की सद्बुद्धि देने की अरदास करने हेतु की जा रही है।

कविया ने सभी यात्रियों की यात्रा मंगलमय होने की शुभकामना के साथ मनोकामना पूर्ण होने की भी आशा प्रकट की । ज्ञात रहे इससे पूर्व खेण गांव वासियों ने कविया व संस्थान के कोषाध्यक्ष श्रीराम वैष्णव के नेतृत्व में पशुपतिनाथ- नेपाल, वैष्णो देवी- जम्मू-कश्मीर और रामेश्वरम धाम -तमिलनाडु की यात्राएं भी राजस्थानी भाषा की मांग को लेकर की जा चुकी है। अपरिहार्य कारणों से इस बार कविया यात्री जत्थे के साथ नहीं जा रहे हैं ।

इस धार्मिक यात्रा का नेतृत्व श्रीराम वैष्णव करेंगे। जत्था करणी चौक बारहपुरी बाबा चौक से रवाना होकर मूंडवा से बीकानेर दादर रेल मार्ग से होकर अहमदाबाद होते हुए द्वारिका धाम पहुंचेगा। द्वारकाधीश के दर्शन कर विभिन्न पुण्य कार्य कर सोमनाथ गिरिनार जूनागढ़ सुदामा पुरी के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाते हुए इसी रेलसेवा से छः जून को गांव पहुंचेगा। जत्थे में बस्तीराम, हीराराम, रामनिवास, ओमप्रकाश, रतनदास वैष्णव, ओमप्रकाश वैष्णव, अभिषेक, दीपक, अमित, परमा, कमला, सिवरी, संतोष, उमा, मुन्नी, सविता, सुन्दर बाऊ, चुका आदि शामिल हो रहे है ।

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