लेकर साइकिल चल पड़े लोग मेरे शहर के : बीएसएफ डीआईजी के साथ साइकल पर निकला बीकानेर

वर्ल्ड बाइसिकल-डे : पांच साल में लाइफ स्टाइल सुधारने की मुहिम बन गया यह दिन

आरएनई, बीकानेर
शनिवार सुबह लगभग पौने छह बजे बीकानेर के म्यूजियम सर्किल चौराहे पर साइकिल सवारों की लगी कतार। इस कतार में महिलाएं, पुरूष, टीएनएजर से लेकर बुजुर्ग तक शामिल। भीड़ में सबसे अलग दिख रहे लंबे कद के बीएसएफ डीआईजी पुष्पेन्द्र सिंह शेखावत ने झंडी दिखाई और साइकिल सवारों का कारवां चल पड़ा। भ्रमणपथ से शुरू हुआ सफर शिवबाड़ी मंदिर के आगे कुछ देर ठहरा और गुप्ता हैल्थ सिटी पर पहुंचकर खत्म हो गया।


चेहरों पर उत्साह लिए लोगों की यह बाइसिकल रैली वर्ल्ड साइक्लिंग-डे के अवसर पर हुई थी। भारत विकास परिषद मीरा शाखा, रोटरी क्लब मरूधरा के साथ बीकाणा साइक्लिंग ग्रुप ने यह रैली आयोजित की थी। इस रैली का मकसद था आम लोगों को फिटनैस के लिए साइक्लिंग के प्रति जागरूक करना। बीकाणा साइक्लिंग ग्रुप के सुरेश गुप्ता, रोटरी क्लब मरूधरा के कैलाश, भारत विकास परिषद मीरा शाखा की डॉक्टर दीप्ति वहल आदि शामिल रहे।

कैसा है बीकाणा साइक्लिंग ग्रुप:
शुरूआत में कुछ लोगों ने यह ग्रुप शुरू किया। अब भागीदारों की संख्या बढ़ती जा रही है। इस ग्रुप के सदस्य यूं तो व्यक्तिगत तौर पर साइक्लिंग करते ही हैं रविवार के दिन समूह में लगभग 25 मिनट की साइक्लिंग करते हैं।

यूं तय हुआ वर्ल्ड बाइसिकल-डे:

यूएन में काम करने वाले सोशल साइंटिस्ट प्रोफेसर लेस्जेक सिब्लिस्क ने एक दिन बाइसिकल-डे के रूप में मनाने के लिए अभियान शुरू किया। अपनी सोशल साइंस क्लास के साथ मिलकर शुरू किए गए इस अभियान में जल्द ही तुर्कमेनिस्तान के साथ 56 देश जुड़ गए। आखिर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अप्रैल 2018 में तय किया कि साल में एक दिन बाइसिकल-डे के रूप में मनाएंगे। इसके लिए 3 जून का दिन तय हो गया। अच्छी बात यह है कि पांच साल में यह दिन एक मुहिम बन गया है और दुनियाभर में इस दिन साइक्लिंग कर फिटनेस और पर्यावरण को संरक्षित रखने का संदेश देते हैं।

बीकानेर के साइकिल वाले सांसद:
केन्द्रीय मंत्री एवं बीकानेर के सांसद अर्जुनराम मेघवाल की पहचान ही साइकिल वाले सांसद के रूप में होती है। सांसद के तौर पर वे दिल्ली स्थित अपने निवास से संसद भवन तक साइकिल पर ही आते-जाते रहे हैं। मंत्री बनने के बाद हालांकि यह क्रम टूट गया है लेकिन अब भी गाहे-बगाहे साइकिल के पैडल पर पांव चलाते रहते हैं।

काका-बाबा, किसन-बलदेव, सब दुकानें उठ गई:

लगभग 25 साल पहले तक बीकानेर शहर में साइकिल का इतना क्रेज था कि शहर के हर बाजार, चौक, मोहल्ले में एक किराये पर साइकिल देने की दुकान थी। प्रतिघंटा किराये की दर से चलने वाली ये दुकानें अब ढ़ूंढ़ने पर भी नहीं मिलती। काका-बाबा, किसन-बलदेव, बजरंग, फीनसा, मोडाराम जैसे कई नाम तो लोगों की जुबान पर थे।

क्या कहते हैं आयोजक:
हमारा मकसद एक फिटनैस अभियान को जन-जन तक पहुंचाना है। इसके लिए हर सप्ताह लोगों को जोड़ते हैं। अच्छी बात यह है कि काफिला बढ़ता जा रहा है। कोई कहींभी है, अगर वह हर दिन 20 से 40 मिनट साइकिल चलाता है तो फिटनेस के साथ पर्यावरण को भी लाभ पहुंचाता है।
सुरेश गुप्ता, बीकाणा साइक्लिंग ग्रुप

एक्सपर्ट कमेंट: स्ट्रोक, हार्ट अटैक के साथ डिप्रेशन से भी बचाती है साइक्लिंग
फिटनेस के लिए जिम से लेकर कई तरह के तरीके हैं लेकिन साइक्लिंग सबसे बेहतर तरीकों में से एक है। यह स्ट्रोक, हार्ट अटैक के साथ ही डिप्रेशन से बचाने में भी कारगर है। डायबिटीज टाइप ए और बी से पीड़ित लोगों के लिए भी यह श्रेष्ठ है। हर उम्र और आयवर्ग के लोग इसका उपयोग कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि चाहें तो इसके लिए अलग से समय निकालने की भी जरूरत नहीं हैं। आप अपने रोजमर्रा के कामों में किसी एक या दो जगह साइकिल पर ही आना-जाना प्लान कर सकते हैं। इसमें सब्जी लाने से लेकर किसी मित्र से मिलने जाना तक शामिल हो सकता है। बस, अपनी शारीरिक क्षमता का ख्याल रखें। गंभीर बीमारी है तो डॉक्टर से सलाह के साथ ही इसे शुरू करें।
डा.परेन्द्र सिरोही,
सीनियर प्रोफेसर, मेडिसिन
एसपी मेडिकल कॉलेज, बीकानेर

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