भाजपा के टिकटार्थी इंतजार में, पार्टी की प्रक्रिया शुरू नहीं, जनता के बीच रह कर रहे दावेदारी

आरएनई, बीकानेर। 

कांग्रेस में सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन की यात्रा से टिकटार्थियों ने कमर कस के अपने दावे कर दिए हैं। हालांकि कांग्रेस ने भी अभी तक इस काम के लिए प्रक्रिया शुरू नहीं की है, बस अपने स्तर पर सह प्रभारियों के जरिये जरूर रायशुमारी करा रही है। मगर भाजपा में तो टिकटार्थी असमंजस में है, कहां दावा करे और किसको करे। पार्टी की कोई गाइड लाइन भी इस विषय में नहीं आयी है, क्योंकि आलाकमान ने अभी कुछ तय नहीं किया है।

हालांकि निजी एजेंसियों से अपने स्तर पर सर्वे जरूर कराया गया है। टिकटार्थी खुलकर दावा करने से भी बच रहे हैं, क्योंकि भाजपा में इस तरह की जल्दबाजी से नम्बर भी कट सकते हैं। इसलिए अपने उम्मीदवार होने का आभाष ऐसे टिकटार्थी जनता की बीच भोज, सेवा कार्य आदि से कर रहे हैं ताकि टिकट मिल जाये तो जुड़ाव रहे।

बीकानेर भाषा में कहें तो कई टिकटार्थी ‘बाट-बड़ी’ के आयोजन कर चुके हैं। कर भी रहे हैं। इसे अच्छी भाषा में कहें तो भोज व गोठ करके अपने आपको दबी जुबान में दावेदार बता रहे हैं। खुलकर कुछ कहने से बच रहे हैं, नेगेटिव मार्किंग का डर है। मगर ये टिकटार्थी बड़े नेताओं की हाजरी भरने में जरा भी नहीं चूक रहे हैं।

हां, कुछ संभावित टिकटार्थी अपने प्रतिद्वंदी की कार सेवा से बिल्कुल नहीं चूक रहे हैं। पार्टी के राज्य संगठन व टिकट में सम्भावित मदद कर सकने वाले नेताओं को भले ही अपने टिकट की बात न कह रहे हों, मगर संभावित टिकटार्थियों को कमतर बताने का काम जरूर कर रहे हैं ताकि टिकट की दौड़ में उनकी प्रतिस्पर्धा तो कम हो। कार्यकर्ता व स्नेही संभावित टिकटार्थियों के ‘बाट-बड़ी’ आयोजन में जाकर भोजन का लुत्फ जरूर उठा रहे हैं। सभी आयोजनों में जाकर पूरा आनंद ले रहे हैं।


भाजपा में दावेदार भी अधिक है। बीकानेर पश्चिम के लिए तो नया उम्मीदवार लाना ही पड़ेगा, क्योंकि पिछला चुनाव लड़े डॉ. गोपाल जोशी जी का निधन हो चुका है। ठीक इसी तरह कोलायत में भी नया उम्मीदवार हो सकता है, क्योंकि भाटी भाजपा छोड़ चुके हैं। यहां पिछली बार उनकी पुत्र वधु ने चुनाव लड़ा था।

श्रीडूंगरगढ़ में ताराचंद जी पिछला चुनाव लड़े, पर हार गये थे। इसलिए यहां भी दावेदार अधिक है। कुल मिलाकर भाजपा के बीकानेर की सातों सीटों के टिकटार्थी दावा करने के लिए कसमसा रहे हैं, क्योंकि पार्टी इस विषय पर मौन है। खुद दावा करें तो नम्बर कटने का डर है, इसी कारण मूक रह दावे का आभाष करा रहे हैं।

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