कोलायत की पिच पर भाजपा का मैच : भाटी को आउट मान कई खिलाड़ियों ने सलेक्टर अर्जुन को परफॉर्मेंस दिखाई, अभी बदल सकती हैं स्थितियां

कोलायत प्रीमियर लीग क्रिकेट प्रतियोगिता के समापन पर पहुंचे अर्जुनराम मेघवाल के सामने जुटी भीड़,
भाजपा में साफ दिखे धड़े, अध्यक्ष जालमसिंह क्रिकेट समापन समारोह में मौजूद रहे, पार्टी के समारोह में नहीं गए

धीरेन्द्र आचार्य , आरएनई, बीकानेर।

विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी भाजपा के टिकटार्थी ताकत दिखाने के हर मौके का भरपूर उपयोग कर रहे हैं। बुधवार को कोलायत में हुए एक समारोह में पहुंची भीड़ और इसमें आए केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल की अगवानी को देखकर ऐसा कहा जा सकता है। मंत्री अर्जुनराम यहां हुकमाराम मेघवाल मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से आयोजित कोलायत प्रीमियर लीग क्रिकेट प्रतियोगिता के समापन समारोह में बतौर अतिथि पहुंचे थे। यहां उन्होंने हुकमारामजी मेघवाल के नाम से एक स्टेडियम बनाने की घोषणा भी की।


खास बात यह है कि कोलायत में अपने लोकसभा चुनाव के दौरान मेघवाल को एंट्री करते ही काले झंडे दिखाए जाते थे। जहां एक सभा करने के लिए केन्द्रीय नेता राजनाथसिंह को कोलायत का दौरा करवाया गया था, वहां मेघवाल की अगवानी जोशभरे नारों से हुई। नारा लगाने वालों की अगुवाई ज्यादातर वे लोग कर रहे थे जो कोलायत से टिकट के दावेदार हैं। ऐसे में क्रिकेट के समारोह से इतर यह राजनीति की पिच भी नजर आई।


इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह है, देवीसिंह भाटी का भाजपा से बाहर होना। पिछले विधानसभा चुनाव के बाद ही भाटी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। भाटी-मेघवाल के बीच 36 का आंकड़ा भी जग जाहिर है। ऐसे में दूसरे दावेदारों को भाजपा के टिकट की उम्मीद जगी है।


पार्टी भी इस सीट पर कई अलग-अलग तरीकों से सर्वे करवा रही है। मसलन, भाटी जितना कद्दावर न भी हो तब भी कोई दूसरा मजबूत राजपूत प्रत्याशी उतारें तो वह कौन हो? गैर राजपूत प्रत्याशी उतारा जाए तो क्या स्थिति रहेगी? गैर राजपूत में प्रत्याशी ओबीसी हो या ब्राह्मण? ओबीसी में माली प्रत्याशी के तौर पर पहले गोपाल गहलोत की आजमाइश हो चुकी है जो अब भाजपा में नहीं है। ऐसे में क्या कुम्हार समाज के प्रत्याशी से बाकी जातियों का जुड़ाव हो सकता है आदि-आदि। इस विधानसभा क्षेत्र में चूंकि अनुसूचित जाति के वोटर अधिक हैं, ऐसे मे सामान्य सीट होते हुए भी एससी का उम्मीदवार उतारने का एक फार्मूला भी सुझाया जा रहा है। एकबारगी तो खुद केन्द्रीय मंत्री मेघवाल के बेटे रविशेखर मेघवाल के नाम की चर्चा ने भी जोर पकड़ा। मतलब यह कि कयासों के चलते दावेदारों को दमखम दिखाना पड़ रहा है।


मेघवाल को हाल ही केन्द्र में कानून मंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही जिले में भले ही भाजपा संगठन अपना काम कर रहा हो लेकिन अधिकांश निर्णय मेघवाल की मर्जी के इर्द-गिर्द होते हैं। ऐसे में संकेत यह जाता है कि टिकट वितरण का पॉवर प्वाइंट भी सांसद सेवा केन्द्र होगा।


फिर भी बंटी हुई दिखी भाजपा:
क्रिकेट मैच जहां एक सामाजिक आयोजन ज्यादा रहा वहीं भाजपा ने इस मौके पर कार्यकर्ता सम्मेलन भी रखा। यह कार्यकर्ता सम्मेलन बाद में महज सामूहिक भोज रह गया। यहां भी दावदारों और उनके समर्थकों की भीड़ तो रही लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि देहात भाजपा के अध्यक्ष जालमसिंह भाटी खुद इस आयोजन में शामिल हुए बगैर रवाना हो गए। ऐसे ही कुछ और नेता-दावेदार इस आयोजन में नहीं आए। बाद में जालमसिंह भाटी ने ‘रूद्रा न्यूज एक्सप्रेस’ को बताया- “पार्टी के किसान मोर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष व फतेहपुर सीकरी सांसद राजकुमार चाहर आए हुए थे। उन्हें जोधपुर जाना था। प्रोटोकॉल के मुताबिक उनके साथ था।”


भाटी ने अभी खोले नहीं हैं पत्ते, कई नए फैक्टर जुड़ेंगे:
देवीसिंह भाटी को टीम से बाहर मानकर कोलायत में बढ़ रही राजनीतिक चहलकदमी में कभी भी बदलाव हो सकता है। वजह, भाटी ने भले ही अभी यह साफ नहीं किया है कि उनका रूख क्या होगा लेकिन उनकी सक्रियता लगातार बनी हुई है। यह सभी जानते हैं कि देवीसिंह भाटी चुप होकर बैठने वालों में नहीं है। इतना ही नहीं, भाजपा में अभी प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर वसुंधरा राजे फैक्टर पर भी स्थिति साफ नहीं हुई है। चूंकि राजनीति हमेशा आखिरी क्षण तक बदलने वाली संभावनाओं का खेल है, ऐसे में कह सकते हैं कि स्थितियां अभी बदल सकती है।

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129