थर्ड ग्रेड टीचर ट्रांसफर: स्थानांतरण नीति बनी, 21 आधार तय, सीएम की हरी झंडी मिलते ही शुरू होंगे तबादले

रितेश जोशी

आरएनई, स्टेट ब्यूरो।
राजस्थान में शिक्षामंत्री या शिक्षा विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती क्या होती है? हालांकि इस सवाल के कई जवाब हो सकते हैं लेकिन सबसे कॉमन जवाब है-टीचर ट्रांसफर। राजनेताओं के लिए ट्रांसफर जितना पावर दिखाने का माध्यम है उतना ही लोगों की नाराजगी का स्रोत भी। वजह, वांछित जगह पर नियुक्ति नहीं मिलने के लिए ज्यादातर शिक्षक अपने इलाके के प्रतिनिधि के प्रयासोें में कमी को मानते हैं। कई बार चुनाव में भी इसके परिणाम भुगतने पड़ते हैं। यहां तक कि शिक्षक तबादला एंटी इन्कम्बेंसी के लेवल का मुद्दा बन जाता है। यही वजह है कि सरकार ने थर्ड ग्रेड टीचर ट्रांसफर के लिए दो साल पहले आवेदन ले लिए लेकिन अब तक शिक्षकों को इधर-उधर करने की हिम्मत नहीं जुटा पाई है। अब जबकि सरकार का कार्यकाल महज चंद महीने रह गया हैं तब तबादला सूची जारी करने की कवायद हो रही है।

यह सूची बनाने से पहले शिक्षा विभाग ने ऐसे कुछ प्रावधान तय कर लिए हैं जिनके आधार पर शिक्षकों के तबादले किया जा सके।ट्रांसफर पॉलिसी कहे जाने वाले इस डॉक्यूमेंट में तबादला के नीति-निर्देश तय किए हैं। इन 21 बिन्दुओं के इर्द-गिर्द ही तबादलों के आधार तलाशे जाएंगे। यह सारी प्रक्रिया राजस्थान में शिक्षकों की मांग, धरना, प्रदर्शन के बाद शुरू हुई। हाल ही 30 मई को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में इस संबंध में बैठक हुई । उसी में शिक्षा विभाग ने 21 बिंदु के दिशा निर्देश निर्धारित किए। इन दिशा-निर्देशों में अधिकांश ऐसे हैं जो पहले से ही तबादलों के नीति निर्धारक तत्वों के रूप में उपयोग लिए जाते रहे हैं। इसके बावजूद अब यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास विचाराधीन है। मुख्यमंत्री की मुहर लगते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।


तबादलों का इंतजार कितना ज्यादा है इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि शाला दर्पण पर दो साल में लगभग 80781 आवेदन आ चुके हैं। वर्ष 2021 में सरकार ने आवेदन लिए थे। इन पर अभी काम नहीं हुआ है। ऐसे में तबादलों के लिए एक बार फिर से आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। ऐसा हुआ तो आवेदकों का आंकड़ा एक लाख से पार होगा। शिक्षा विभाग में पहली से आठवीं तक के शिक्षकों की संख्या का अनुमान लगाए तो यह दो लाख से ज्यादा है। ऐसे में इतने आवेदकों को देखकर कहा जा सकता है कि हर तीसरा शिक्षका अपना ट्रांसफर चाहता है। सबसे ज्यादा बाड़मेर के शिक्षक तबादला के इच्छुक है। यहां से 7671 शिक्षक आवेदन कर चुके हैं। यहां एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि सरकार ने 48 हजार शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। ऐसे में इस नियुक्ति से पहले ट्रांसफर होने पर ही खाली पदों का सही आकलन हो सकेगा। इसके साथ ही तबादलों के इच्छुक शिक्षकों को वांछित स्थान पर पोस्टिंग मिल सकेगी।

* 80 हजार से ज्यादा शिक्षक तबादलो के लिए शाला दर्पण पर कर चुके आवेदन
*38 हजार 631 आवेदन लेवल-1 टीचर के हैं।
*42150 आवेदन लेवल-टू के टीचर्स ने किए हैं।
*7600 से ज्यादा आवेदन बाड़मेर से, यहीं से सबसे ज्यादा शिक्षक चाहते हैं तबादला
*865 सबसे कब आवेदन हैं झुंझुनूं से
*02 लाख से ज्यादा पद हैं कक्षा एक से आठ तक की स्कूलों में
*48 हजार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया जारी, इससे पहले तबादले होने का अनुमान

-इन छह को पहली प्राथमिकता: स्टार रेटिंग, दिव्यांग, गंभीर बीमार, बीमार आश्रित परिजन, विधवा-परित्यक्ता, सेवारत सैनिको की पत्नियां।
-रिटायरमेंट में 02 वर्ष से कम समय है उनका ट्रांसफर स्वयं की प्रार्थना या विभागीय जांच लंबित होने पर।
-गंभीर बीमार, विकलांग व विधवा महिला का स्थानांतरण उसकी प्रार्थना पर ही किया जाएगा। बीमारी में मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी होगा।
-ग्रामीण स्वैच्छया सेवा नियम के अधीन शिक्षकों का ट्रांसफर शहर में नहीं होगा।
-टीएसपी, नॉन-टीएसपी एरिया के शिक्षकों का इन एरिया में ही ट्रांसफर होगा।
इन्हें माना है तबादलों के लिए गंभीर बीमारी:
न्यूरो सर्जरी, कार्डिएक सर्जरी, एंजियो प्लास्टी या ट्रांसप्लांट, ब्रेन ट्यूमर, कैंसर, लीवर-किडनी ट्रांसप्लांट, नी-रिप्लेसमेंट, पार्किंसन-लकवा, चलने-फिरने में असमर्थ, मिर्गी, नियमित डायलिसिस, थैलीसीमिया, एड्स, मानसिक विमंदित।

हाईलाइट्स: ये हैं तबादलों के नीति-निर्देश

1.लेवल-1,2, पीटीआई, लाइब्रेरियन, प्रयोगशाला सहायक, प्रबोधक और समकक्षों पर प्रभावी होगी यह नीति।
2. तबादला समान पद व समान विषय पर ही होंगे। पद विरूद्ध नहीं होगा।
3. जिन शिक्षकों की 6(3) कार्यवाही हो चुकी है उनके अंतः जिला तबादला जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक करेंगे।
4.पंचायत राज के अधीन शिक्षकों का स्थानांतरण करने के लिए इस विभाग के सक्षम अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा।
5.पंचायत राज के जिन शिक्षकों को शिक्षा विभाग में नहीं लिया गया है, उनका प्राशि-माशि या विपरीत स्थानांतरण नहीं होगा।
6. प्रोबेशन काल वालों का ट्रांसफर नहीं होगा।
7. निदेशालय, रजिस्ट्रार, सार्दुल स्पोर्ट्स स्कूल जैसे स्थानों पर नियुक्त शिक्षकों का तबादला निदेशक ही करेंगे।
8. अंतरजिला स्थानांतरण निदेशक करेंगे।
9. अंतरजिला स्थानांतरण के लिए वर्तमान जिले में पांच वर्ष की सेवा अनिवार्य होगी।
10. अंतरजिला स्थानांतरण केवल रिक्त पदो पर ही होंगे।
11. न्यून परीक्षा परिणाम, विभागीय जांच और दंडित शिक्षकों का स्वैच्छिक तबादला नहीं हेागा।
12. जिनकी सेवा निवृत्ति में 02 वर्ष से कम समय है उनका ट्रांसफर स्वयं की प्रार्थना या विभागीय जांच लंबित होने पर ही किया जाएगा।


13. गंभीर बीमार, विकलांग व विधवा महिला का स्थानांतरण उसकी प्रार्थना पर ही किया जाएगा। बीमारी में मेडिकल सर्टिफिकेट जरूरी होगा।
14. ग्रामीण स्वैच्छया सेवा नियम के अधीन शिक्षकों का ट्रांसफर शहर में नहीं होगा।
15. तबादलों के लिए छह प्राथमिकताएं तय की गई है। इनमें स्टार रेटिंग, दिव्यांग, गंभीर बीमार, बीमार आश्रित परिजन, विधवा-परित्यक्ता, सेवारत सैनिको की पत्नियां शामिल हैं।
16.टीएसपी, नॉन-टीएसपी एरिया के शिक्षकों का इन एरिया में ही ट्रांसफर होगा।
17. आशान्वित जिलों से अंतर जिला ट्रांसफर तभी होंगे जब हटाए जाने वाले शिक्षक के बदले दूसरा शिक्षक वहां कार्यग्रहण कर लें।
18. पारस्परिक ट्रांसफर सभी शर्तें पूरी होने पर ही किए जाएंगे।
19. हिन्दी मीडियम वालों के ट्रांसफर, इंग्लिश मीडियम में नहीं होंगे जबकि इंग्लिश मीडियम वालों का तबादला हिंदी मीडियम में हो सकेगा।
20. कोर्ट स्टे वालों को स्टे समाप्त होने तक नहीं हटाया जाएगा।
21. किसी शिक्षक का तबादला जहां किया गया है वहां पद खाली नहीं है तो अपने आप वहां पहले से कार्यरत उसी विषय, पद वाले सबसे सीनियर शिक्षक को एपीओ मानकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के लिए कार्यमुक्त किया जाएगा।

एक्सपर्ट कमेंट : पुरानी परंपरा के नीति-निर्देश है, समय कम-जल्द निर्णय लें सरकार

तबादलों का प्रकरण शिक्षक संगठनों द्वारा मांग प्रदर्शन महापड़ाव के बाद मुख्यमंत्री तक पहुंचा है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में तबादलों के लिए शिक्षा विभाग ने 21 बिंदु के दिशा निर्देश निर्धारित किए हैं। इन नीति निर्देशों मे कोई नई बात नहीं है। कमोबेश सभी पुरानी परंपरा के बिंदु शामिल किए गए हैं। मसलन दिव्यांग, बीमार, विधवा, परित्यक्ता, एकल महिला, भूतपूर्व सैनिकों की पत्नी आदि को प्राथमिकता। ग्रामीण सेवा नियम वालों के तबादले ग्रामीण क्षेत्र में होंगे। गंभीर बीमार, पूर्ण विकलांग विधवा को आवेदन करने पर शर्तों से शिथिलन देकर तबादले किए जा सकेंगे।
मूल बात यह है कि सरकार के पास समय कम है। इस नीति-निर्देश को पॉलिसी के रूप में स्थापित करने के लिए मुख्यमंत्री की सहमति जरूरी है। ऐसे में सीएमओ से हरी झंडी मिलने के बाद तबादलों की प्रक्रिया शुरू होगी। वैसे मोटे तौर पर विभाग अंदरखाने सारी तैयारियां कर लेता है। इसके बावजूद अगर सरकार की मंशा साफ है तो अब सूचियां जारी करने में देरी नहीं करनी चाहिए। महेन्द्र पांडे, शिक्षाविद् एवं शिक्षक नेता

नीति तैयार, सरकार के आदेश का इंतजार : कानाराम

शिक्षा निदेशक कानाराम ने हाल ही पद पर ज्वाइन किया है। रूद्रा न्यूज एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, ट्रांसफर पॉलिसी बन गई है। यह सरकार के पास है। जैसे ही इस बारे में कोई आदेश जारी होगा। उसी अनुरूप प्रक्रिया शुरू कर देंगे। यह कब तक जारी होगी या क्या प्रक्रिया अब चल रही है इस बारे में वे स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कह पाते।

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