महाराजा गंगांसिंह विश्वविद्यालय के आधारभूत ढांचे का होगा विकास, पारित हुआ 195 करोड़ रुपए का बजट

आरएनई, बीकानेर। महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय 41 वीं बैठक बुधवार को हुई। इसमें विश्वविद्यालय का वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पारित किया गया। विश्वविद्यालय कुलसचिव और कार्यवाहक वित्त नियंत्रक अरूण प्रकाश शर्मा ने प्रबन्ध बोर्ड के समक्ष विश्वविद्यालय का 195 करोड़ राशि का बजट प्रस्तुत किया जिसका प्रबन्ध बोर्ड की ओर से अनुमोदन किया। विश्वविद्यालय के बजट में मुख्य रूप से आगामी वित्तीय वर्ष में विश्वविद्यालय के आधारभूत ढ़ाचे के विकास, विद्यार्थियों की सुविधा के लिए विस्तार और विश्वविद्यालय कार्यप्रणाली को कम्प्यूटराइज करने के प्रावधान किए गए है।

दो नए भवनों का होगा निर्माण

बजट में आगामी वित्तीय वर्ष में विद्यार्थियों की संख्या और नवसृजित विभागों की स्वीकृति को ध्यान में रखते हुए दो नवीन अकादमिक भवन के लिए 36 करोड़, सेथेंटिक ट्रेक के लिए 9 करोड़, नवीन परीक्षा ब्लॉक के लिए 4 करोड़ और विश्वविद्यालय परिसर को हराभरा बनाने के लिए पार्को को विकसित करने के लिए 1 करोड़ का प्रावधान किया गया है। साथ ही विद्यार्थियों की सुविधा, पुस्तकालय के लिए 3 करोड़ प्रयोगशालाओं को सुदृढ़ बनाने के लिए 3.70 करोड़, परिसर की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए सी.सी. टी.वी. कैमरे के लिए 3 करोड़ और नेटवर्किग के लिए 4 करोड़ के प्रावधान किए गए है। विश्वविद्यालय में डिजिटाइजेंशन करने और यूनिवर्सिटी मैनेजमेन्ट सिस्टम को विकसित करने के लिए 5 करोड का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से आगामी वित्तीय वर्ष में बजट प्रावधानों के साथ.साथ विश्वविद्यालय के शैक्षणिक एवं शोध उन्नयन के लिए एक विशेष कार्ययोजना बनाकर आगामी सत्र में कार्यवाही की जाएगी।

प्रबन्ध बोर्ड में राज्यपाल की ओर से नामित सदस्य डॉ.विश्वपति त्रिवेदी ने सुझाव रखा कि विश्वविद्यालय को बजट प्रावधान करते समय वर्तमान में आयोजन और गैर आयोजना परम्परागत मद में व्यवस्था को छोड़कर वर्तमान में केन्द्र व राज्य सरकारों की ओर से बजट के लिए उपयोग में ली जा रही व्यवस्थाओं को अंगीकृत किया जाना चाहिए। ताकि वित्तीय प्रावधानों के अनुरूप बजट का मूल्यांकन हर स्तर पर किया जा सके।

राज्य सरकार की ओर से नामित सदस्य डॉ.नमानी शंकर बिस्सा ने सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय को पर्यावरण संरक्षण के संदर्भ में विशेष रूप से कार्य करना चाहिए। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय को सोलर व्यवस्था विकसित करते समय पर्यावरण के मानदण्डों को पूर्ण किया जाना चाहिए। इससे पूर्व विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय की ओर से संचालित कई गतिविधियों एवं विश्वविद्यालय की ओर से विद्यार्थी हित में कराए गए विकास कार्यो से सदस्यों को अवगत कराया।

बैठक में राज्य सरकार नामित सदस्य प्रो. भगवानाराम बिश्नोई, डॉ.अन्नत जोशी, प्रो. अनिल कुमार छंगाणी, प्रो,राजाराम चोयल संकायाध्यक्ष डॉ मीनू पूनिया एवं शासन सचिवए उच्च शिक्षा के प्रतिनिधि के रूप में संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा डॉ फिरोज अख्तर उपस्थित हुए।

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