खस्ता हाल रोडवेज : हांफ रही बसों को प्राणवायु की है दरकार, 100 में 25 बसें हो चुकी है अवधि पार, नई का है इंतजार

आरएनई, बीकानेर।
रोडवेज में खटारा बसों की भरमार है। बीकानेर आगार में दो दर्जन से ज्यादा ऐसी बसें चल रही है जो अपनी निर्धारित समय सीमा पार चुकी है। इसके बावजूद इन बसों को चलाना प्रबंधन की मजबूरी है। मुख्यालय से अभी तक एक भी नई बस नहीं मिली है। पुरानी बसों में सफर करने में यात्री भी परहेज करने लगे हैं। हांफती रोडवेज को प्राणवायु की दरकार है। इसके लिए जरूरी है कि मुख्यालय से नई बसें आए, जो आरामदायक हो। नई बसों की मांग को लेकर रोडवेज प्रबंधन मुख्यालय को कई बार लिखित में अवगत करवा चुका है। इसके बावजूद स्थिति जस की तस पड़ी है।

100 में से 25 बसें अवधि पार
रोडवेज बीकानेर आगार से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में रोडवेज के बेडे में 100 बसें शामिल है। इनमें से 38 बसें तो अनुबंधित है। यह बसें यात्रियों को रास भी आ रही है। इनमें सीटें आरमदायक है और ये बसें दिखने भी अच्छी है। वहीं 25 बसें ऐसी है जो करीब 12 लाख किलोमीटर का सफर तय कर चुकी हैं, इसके बावजूद चल रही है। इन बसों की आए दिन मरम्मत करनी पड़ती है। बीकानेर आगार को करीब दो दर्जन से ज्यादा नई बसों की आवश्यकता है।


क्या कहते है जिम्मेवार:
नई बसों के लिए मुख्यालय को अवगत कराया है। यह सही है कि कई बसें ऐसी है जो अपनी निर्धारित समय सीमा पार चुकी है। फिलहाल मुख्यालय से नई बसों को लेकर कोई निर्देश नहीं मिले। बीकानेर आगार को करीब 25 नई बसें चाहिए।

अंकित शर्मा, मुख्य आगार प्रबंधक, बीकानेर

संगठन उठा चुका है मांगः
संगठन के स्तर पर लंबे समय से नई बसों की मांग उठाते आ रहे हैं। कई बार आगार प्रबंधक से लेकर मुख्य प्रबंधक तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं। संयुक्त मोर्चा कई बार इसके लिए मुख्यालय को लिख चुके हैं। लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। खटारा बसों में लोगों को सफर करना पड़ रहा है।

गिरधारी लाल, रोडवेज श्रमिक नेता

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