विद्युत निगम : बीकानेर में बिजली उपभोक्ताओं पर 432 करोड़ बकाया, श्रीडूंगरगढ़ में सबसे ज्यादा 124 करोड़

आरएनई, बीकानेर।

रमेश बिस्सा

सरकार ने किसानों को 2000 यूनिट बिजली फ्री घोषित की है इसके बावजूद सबसे ज्यादा बकाया ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। सिर्फ बीकानेर जिले की ही बात करें तो यहां विद्युत निगम के 432 करोड़ रूपए से ज्यादा बकाया है। समय समय पर ब्याज माफी की स्कीम भी चलाती है। ताकि उपभोक्ता समय पर अपना बकाया बिजली बिल जमा करवा दें। यह तब है जब ऊर्जा मंत्री का गृह जिला है। बकाया की वसूली के लिए विद्युत वितरण निगम अभियान भी चलाता है। लेकिन हर साल बकायादारों का आंकड़ा बढ़ता जाता है।

432 करोड़  85 लाख बकाया :
जिले के ग्रामीण उपभोक्ताओं में मई तक 432 करोड़ 85 लाख 73 हजार रुपए बकाया पड़े है। इसमें घेरलू, अघरेलू, व्यवसायिक, कृषि सहित उपभोक्ताा शामिल है। जिनमें बिजली बिलों की बकाया चल रही है। विद्युत निगम दीपावली से पूर्व बकाया से वसूली का अभियान चलता है। उस दौरान कनेक्शन काटने और ट्रांसफार्मर उतारे जाते हैं।

उपखंडवार यह स्थिति:

सर्वाधिक बकायादार श्रीडूंगरगढ़.. 

बिजली बिलों की बकाया राशि जमा नहीं कराने में श्रीडूंगरगढ़ जिले में सबसे आगे की पंक्ति में है। इस उपंखंड में बिजली बिलों के 124 करोड़ 35 लाख 35 हजार बकाया चल रहे है। इसमें श्रीडूंगरगढ़ प्रथम, द्वितीय और ऊपनी के उपभोक्ता आते है।

जिले में नोखा उपखंड में 91 करोड़ 35 लाख 52 हजार रुपए की बकाया चल रही है। इस उपखंड में नोखा शहर और पांचू, नोखा ग्रामीण जिसमें जसरासर भी आता है।

कोलायत उपखंड़ में 121 करोड़ 73 लाख 21 हजार रुपए की बकाया चल रही। इस उपखंड में कोलायत, देशनाक और बज्जू का क्षेत्र आता है।

बीकानेर ग्रामीण में 68 करोड़ 18 लाख 14 हजार रुपए बकाया चल रहे है। इसमें ग्रामीण द्वितीय, लूणकनसर और नापासर शामिल है। खाजूवाला और छत्तरगढ़ उपखंड़ के उपभोक्ताओं में 27 करोड़ 53 लाख बकाया है।

पीडीसी उपभोक्ताओं में इतने बकाया
जिन उपभोक्ताओं के स्थायी रूप से कनेक्शन काट दिए गए थे। उनमें 158 करोड़ 34 लाख 5 हजार रुपए बकाया चल रहे है।

उठा सकते है स्कीम का फायदा
विद्युत निगम ने कृषि उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करते हुए एक मुश्त राशि जमा कराने पर ब्याज माफी की छूट दी जा रही है। यह योजना कृषि कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं के लिए 30 जून तक और पीडीस(स्थायी) रूप से जिनके कनेक्शन काटे हुए है, वो उपभोक्ता एक मुश्त राशि जमा करवाकर ब्याज लगने से बच सकते है। ऐसे उपभोक्ताओं के लिए 30 सितंबर है। तक यह योजना है।

अभियान चलाकर करते है वसूली
ग्रामीण उपभोक्ताओं में बकाया चल रहा है। इसकी वसूली के लिए हर साल लक्ष्य निर्धारित है। उसके अनुरूप ही कार्य करते है। समझाईश भी चलती रहती है। अभी कृषि उपभोक्ताओं के लिए ब्याज माफी योजना चल रही है। एमनेस्टी योजना का फायदा किसानों को उठाना चाहिए। वसूली का अभियान नियमित रहता है।

आरएस मीणा, अधीक्षण अभियंता, ग्रामीण वृत

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