एसीएस शुभ्रा सिंह ने सारे जिलों से लिस्ट मांगी सूची तैयार करने में जुटे सीएमएचओ

बीकानेर संभाग में लगभग 100 कर्मचारी हो सकते हैं एपीओ,
राज्य भर में यह आंकड़ा हजार तक जा सकता है
सबसे ज्यादा जयपुर संभाग में एपीओ होने का अनुमान

आरएनई, स्टेट ब्यूरो। स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह के एक आदेश के बाद पूरे राजस्थान में सैकड़ों कर्मचारियों के एपीओ हो जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। आदेश यह है कि राज्य में जितने भी कर्मचारी सरप्लस है उन सबको एपीओ करके निदेशालय यानी जयपुर मुख्यालय भेजा जाए। इसके साथ ही ऐसे सभी कर्मचारियों की तुरंत सूचना भी मांगी गई है। इस आदेश के बाद पूरे राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग में खलबली मची है। जो कर्मचारी सरप्लस है उन सबको एपीओ होकर जयपुर जाने का डर सता रहा है। इनमें ज्यादा डर उन अधिकारियों को लग रहा है जिन्होंने डेपुटेशन नहीं करने के आदेश के बावजूद डेपुटेशन से हटे कार्मिकों को सरप्लस बनाकर अपने अधिकार क्षेत्र में रख लिया। अब बतौर अलिखित डेपुटेशन काम करवा रहे हैं।

आदेश के बाद अब मांगी सूचनाएं :

सभी जिला और संभाग मुख्यालय के अधिकारियों यानी सीएमएचओ और ज्वाइंट डायरेक्टर ने अपने अधीन जिलों में कार्यरत ऐसे कर्मचारियों की सूची बनाने का काम शुरू कर दिया है। ब्लॉक लेवल से इसकी सूचना एकत्रित की जा रही है। ज्यादा परेशानी उन कार्मिकों, संस्थानों या अधिकारियों को हो रही है जिन्होंने मेडिकल कॉलेज से जुड़े हॉस्पिटल्स में कर्मचारियों को सरप्लस के नाम पर प्रतिनियुक्त कर रखा है।

इतने कर्मचारी हो सकते हैं एपीओ :

अनुमान यह है कि प्रत्येक संभाग में कम से कम 100 कर्मचारी ऐसे हैं जिनका वेतन किसी और जगह से उठ रहा है और वह सेवाएं कहीं और दे रहे हैं। ऐसे में मोटे तौर पर इन सभी को सरप्लस माना जाएगा और शुभ्रा सिंह के आदेश के मुताबिक सबको रिलीव कर जयपुर मुख्यालय भेजा जाएगा।
बताया जाता है कि सबसे ज्यादा सरप्लस जयपुर संभाग में है। सभी संभागों में मिलाकर लगभग 1000 लोग ऐसे होने की संभावना है। ऐसे में इतने ज्यादा कर्मचारी एक साथ एपीओ होकर जयपुर मुख्यालय पहुंचेंगे

जानिए क्या है आदेश :

अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने आदेश में कहा है कि ‘ ऐसे सभी कर्मचारी जिनका वेतन मूल पदस्थापन संस्थान से आहरित नहीं हो रहा है उन सभी कर्मचारियों को अधिशेष मानते हुए तत्काल आदेशों की प्रतीक्षा यानी एपीओ करके निदेशालय के लिए कार्यमुक्त करें।

इन पर लागू नहीं होगा आदेश :

-जिन कार्मिकों ने कोर्ट का स्टे आर्डर ले रखा है।
-जिनका पहले का वेतन बकाया है लेकिन अब लगातार मिल रहा है।
-वर्ष 2012 – 13 में स्वीकृत ऐसे उप स्वास्थ्य केंद्र जिनकी वित्तीय स्वीकृति प्राप्त नहीं हुई।
-ऐसे नए क्रमोन्नत संस्थान जिसमें वित्त विभाग की यह शर्त शामिल है कि संबंधित पद संबंधित केंद्र हेतु सृजित होंगे लेकिन इन पदों के सृजन से विभाग की कुल केडर स्ट्रैंथ में कोई वृद्धि नहीं होगी।
-अध्ययन अवधि के वेतन की श्रेणी वाले।
-टीएसपी क्षेत्रों के कार्मिक।

मंत्री कह चुके मैं रहूं ना रहूं डेपुटेशन नहीं रहेगा :

गौरतलब है कि राजस्थान के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा राज्य में सारे डेपुटेशन खत्म कर चुके हैं। इसके बावजूद कई जगह अभी भी अधिशेष कर्मचारी मौजूद हैं। उन सभी का मरीजों के हित में बेहतर प्रबंधन करने के लिए यह आदेश जारी किया गया है। राजस्थान में पहली बार बड़े पैमाने पर डेपुटेशन खत्म होने से बड़ा हल्ला मचा था। इसके बावजूद मंत्री मीणा ने कहा, मैं चाहे मंत्री रहूं या हटा दिया जाऊं लेकिन डेपुटेशन नहीं रहेगा। मंत्री मीणा के इस बयान के पीछे मंशा यह थी की प्रदेश के दूरस्थ गांवों में सेवा ना देकर डेपुटेशन के जरिए मुख्यालयों में बैठे थे उन्हें ग्रामीणों की सेवा के लिए गांव तक भेजा जाए।

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