इमरजेंसी का विरोध करने वाले नोखा के आनंदी लाल का असम सरकार ने किया सम्मान

आरएनई, नोखा। असम सरकार ने 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल का विरोध करने वाले व्यक्तियों को रविवार को सम्मानित किया। आपातकाल का विरोध करने वाले मामलों में 15 दिनों से अधिक की सजा पाने वाले रिकॉर्ड के आधार पर 300 नामों की सूची तैयार की गई। इसी में एक नाम बीकानेर के आनंदी लाल बजाज का है। इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गृह ज़िला बीकानेर से प्राप्त की, तत्पश्चात उच्च शिक्षा एवं पैतृक व्यवसाय में हाथ बंटाने हेतु सन् 1969 मे जोरहाट आसाम चले गए।

 

25 जून 1975 आपातकाल की घोषणा कर दी गई नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन, प्रेस पर प्रतिबंध एवं चुनाव स्थगित करवा दिए गए। इसी के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को विपक्षी नेताओं का करीबी मानते हुए प्रतिबंधित कर दिया गया। आनंदीलाल बजाज को भी उनके 5 अन्य साथियों सहित विरोध प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया। लगभग पांच महीने जेल में रहने के पश्चात् मांगीलाल जी बागड़ी के प्रयासों से उनकी पैरोल पर रिहाई हुई। नोखा मे रहने वाले बीकानेर के मूल निवासी आनंदी लाल बजाज को असम सरकार ने लोकतंत्र सेनानी की उपाधि से सम्मानित किया।

 

 

 

 

 

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