हंगामा.. प्राइवेट हॉस्पिटल में प्रसूता की मौत, मौके पर आए पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों से नेता भिड़े

डॉक्टर्स संगठन भी विरोध में मैदान में उतरे, शव पीबीएम में रखवाया, व्यास कॉलोनी थाने में लिखित शिकायत, कल होगा पोस्टमार्टम

आरएनई, बीकानेर। पवनपुरी स्थित प्राइवेट हॉस्पिटल में एक प्रसूता की मौत के बाद परिजन इस कदर बिफरे कि हंगामा हो गया। घटना की सूचना मिलने के बाद जिले के कई नेता हॉस्पिटल पहुंच गए। हालात बिगड़ते देख हॉस्पिटल संचालकों ने पुलिस को बुलाया तब भी बात नहीं बनी। एक मौका ऐसा आया जब नेता-अधिकारी आमने-सामने हो गए। इन सबके बीच डॉक्टर्स के संगठन भी प्राइवेट हॉस्पिटल संचालक के पक्ष में जा खडे हुए। आखिरकार शव को पीबीएम हॉस्पिटल में रखवाया गया है। मामले की लिखित शिकायत जयनारायण व्यास कॉलोनी थाने में की गई है। शव का पोस्टमार्टम कल यानी 28 जून बुधवार को मेडिकल बोर्ड की देखरेख में होगा।

मामला यह है :

मामला पवनपुरी के अशोका हॉस्पिटल का है। हिना पत्नी अजय कुमार मेघवाल की यहां नॉर्मल डिलीवरी हुई थी। देर शाम खून बहने लगा। रात होने तक हालत बिगड़ती गई और मौत हो गई। मृतका के चाचा लीलाधर ने पुलिस को दी शिकायत में आरोप लगाया है कि डिलीवरी करवाने वाली डॉक्टर निधि हॉस्पिटल से चली गई थी। हालत बिगड़ती गई लेकिन संभालने नहीं आई। इस दौरान डॉक्टर अशोक ने देखा लेकिन हालत बिगड़ती गई और मौत हो गई।

क्या कहते हैं डॉक्टर :

हंगामा होने के बाद आईएमए, मेडिकल प्रेक्टिशनर सोसायटी और उपचार जैसे डॉक्टर्स संगठनों के प्रतिनिधि भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने डॉक्टर हीना शर्मा के हवाले से स्पष्टीकरण दिया कि 26 को नॉर्मल डिलीवरी होने के बाद खून बहने लगा। उसका उपचार किया लेकिन खून बहना नहीं रूका। आईसीयू में रखा। वेंटीलेटर पर भी लिया। सभी संभव प्रयास किए गए लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी।

आरोप-प्रत्यारोप :

परिजनों की पीड़ा देख हॉस्पिटल पहंचे भाजपा के श्यामसिंह हाडला, अशोक प्रजापत, रालोपा के प्रभुराम, विवेक माचरा, बिरजू प्यारे आदि ने इलाज में लापरवाही के आरोप लगाए। पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने की मांग उठाई। इसी दौरान एडीएम प्रशासन ओमप्रकाश, एडीएम सिटी हरिसिंह मीणा, एसडीएम अशोक बिश्नोई, पुलिस अधिकारी शालिनी बजाज, पवन भदौरिया, महावीर बिश्नोई, महेन्द्र दत्त आदि अधिकारियों से बातचीत हुई। इस बातचीत के दौरान ही हंगामा बढ़ गया। एडीएम मीणा और भाजपा नेता अशोक प्रजापत आमने-सामने हो गए। काफी समझा-बुझाकर मामला शांत करवाया गया।

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सेवाएं ठप करने की चेतावनी :

दूसरी ओर डॉक्टर्स का कहना है कि इलाज में कोई लापरवाही नहीं बरती गई। मृतका के परिजनों के साथ आई भीड़ ने हंगामा किया। अस्पताल प्रशासन पर अनावश्यक दबाव बनाने का प्रयास किया। आरोप है कि मौताणा तय करने के लिए यह सब किया गया। हंगामे के दौरान डॉक्टर्स ने भी चेतावनी दे दी कि अगर ऐसे ही हालात रहे तो रात से ही पूरे बीकानेर में प्राइवेट हॉस्पिटल में मेडिकल शट-डाउन कर देंगे। डॉक्टर्स ने भी थाने मे चिकित्सा परिचर्या नियम में मामला दर्ज करने की मांग रखी।

आगे क्या :

बुधवार को पीबीएम में बोर्ड की देखरेख में पोस्टमार्टम होगा। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी करवाई जाए और पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो। भाजपा नेताओं ने इस बात से इनकार किया है कि किसी तरह का मौताणा तय करना चाहते हैं। उनका कहना है कि परिवार न्याय चाहता है।

सामान्य जानकारी…पीपीएच, मौत का बड़ा कारण, सावधानी बहुत जरूरी :

कई अध्ययन बताते हैं कि पोस्ट पार्टम हेमोरेज (पीपीएच) यानी प्रसव के बाद होने वाली बहुत ज्यादा ब्लीडिंग महिलाओं की प्रसव के दौरान होने वाली मौत का सबसे बड़ा कारण है। नॉर्मल डिलीवरी के बाद 24 घंटे में 500 एमएल से ज्यादा खून बहने को पीपीएच मानते हैं। कई अध्ययन यह भी बताते हैं कि कम संसाधनों वाले हॉस्पिटलों में प्रसव के दौरान पीपीएच होने पर इसे मैनेज करना काफी मुश्किल होता है। मसलन, वेंटीलेटर का उचित उपयोग करने के लिए भी एनस्थीसिया के एक्सपर्ट की जरूरत होती है।

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