नियमित करने में अनियमितता का आरोप? प्रदेश के संविदाकर्मी जयपुर में जुटने लगे, पड़ाव शुरू

  • आठ जिलों के सीएमएचओ को अचानक जयपुर बुलाया, आवेदन लिया, ज्यादातर अकाउंट कैडर के दस्तावेज तैयार, बाकी नाराज
  • बीकानेर में नौ साल पूरे कर चुके लगभग 90 में से 26 कार्मिकों के दस्तावेज तैयार, बाकी सभी हैरान
  • नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ बोले-सरकार ने संविदाकर्मियों के साथ भद्दा मजाक किया

आरएनई, बीकानेर।

आचार संहिता लगने से ठीक पहले कांट्रेक्चुअल सर्विस वालों को नियमित करने की घोषणा और हाथोंहाथ नियुक्ति देने की जद्दोजहद में नियुक्तियां कम हो रही है, वंचित ज्यादा रह रहे हैं। ऐसे में पहले ही दिन जयपुर में प्रदेशभर के संविदाकर्मी पहुंचने लगे हैं। पक्षपात का आरोप लगाते हुए धरने पर बैठ गए हैं। विपक्ष इसे मुद्दा बना रहा है और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्विट कर इस प्रक्रिया को संविदाकर्मियों के साथ भद्दा मजाक बताया है।

आठ जिलों के सीएमएचओ को हाथोहाथ बुलाया, एक दिन में नियुक्ति :

सरकार ने शनिवार शाम को अर्जेंट आदेश कर कई जिलों के सीएमएचओ को प्रकरणों के साथ बुलाया। इन जिलों में बीकानेर, जयपुर प्रथम-द्वितीय, नागौर, बारां, अजमेर, सवाईमाधोपर और पाली शामिल है। ऐसे में बीकानेर के सीएमएचओ ऑफिस में शनिवार देर रात तक ऐसे सभी संविदाकर्मियों के प्रकरण तैयार किये गए जिनकी सेवा नौ वर्ष पूरी हो चुकी है। लगभग 90 प्रकरण रातभर में तैयार हुए। सीएमएचओ सहित अलसुबह एक टीम जयपुर रवाना हो गई। पूरे दिन प्रक्रिया चली और 26 की फाइल्स तैयार हुई। कुछ ऐसा ही बाकी जिलों के सीएमएचओ के साथ भी हुआ है।

आरोप : 33 कैडर को नियुक्त करने की घोषणा, नियुक्ति सिर्फ लेखा सहायक को

जयपुर में दिनभर चली प्रक्रिया के दौरान सामने आया कि 33 कैडर नियमित नियुक्ति के लिए तय किये गए। इनमें से एक कैडर के ही अधिकांश लोगों को नियमित किया जा रहा है। यह लेखा शाखा का कैडर है। ऐसे में शाम होते-होते बाकी कैडर के संविदाकर्मी जयपुर पहुंचकर प्रदर्शन करने लगे हैं। रात को भी वहां धरना चल रहा है। प्रदेश के बाकी हिस्सों से, बाकी कैडर के लोगों जयपुर पहुंचने लगे हैं।

राठौड़ बोले-सरकार धोखा दे रही, क्या आचार संहिता लगने का इंतजार कर रही? :

नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने इस मुद्दे पर सरकार पर हमला बोला है। ट्विट कर कहा है, संविदाकर्मियों को नियमित करने के नाम पर कांग्रेस सरकार ने हमेशा धोखा देने का काम किया है। जयपुर में स्वास्थ्य भवन के बाहर बड़ी संख्या में एकत्रित संविदाकर्मियों के साथ सरकार ने एक बार फिर भद्दा मजाक किया है। प्रदेशभर से 33 कैडर के संविदाकर्मियों को नियमित करने के दस्तावेज मंगवाए अब महज एक ही कैडर की प्रक्रिया शुरू की है। बाकी कैडर के संविदाकर्मी रात को दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। क्या सरकार आचार संहिता लगने का इंतजार कर रही है?

संविदकर्मी लगा रहे यह आरोप :

राज्य सरकार ने वर्षों से लगे संविदा कर्मियों को नियमित करने का रास्ता निकालते हुए सीएसआर रूल्स 2022 लागू किए और सभी कर्मियों को रूल्स के तहत नियुक्ति दी। इसके बाद सरकार ने अधिकाधिक लोगों को लाभ देने के लिए 9 वर्ष से अधिक कार्य करने वाले सभी कर्मियों को नियमित करने का निर्णय लेते हुए सभी पद सृजित किए और सृजित पदों का पे ग्रेड भी निर्धारित कर दिया। इसका वित्त विभाग एवं राज्यपाल से भी अनुमोदन हुआ। सरकार ने ये आदेश भी जारी कर दिए। इसी दौरान सरकार ने जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक कर्मियों की स्क्रीनिंग भी कर ली। वहीं पिछले तीन दिनों से दस्तावेज आदि की जांच की जा रही है। जिसमें सभी जिलों से सभी पदों पर भर्ती होने वाले संविदा कर्मियों के दस्तावेज मंगवाए गए। लेकिन रविवार दोपहर के बाद स्वास्थ्य भवन में बैठे कुछ अधिकारी और कर्मचारियों ने नया अडंगा लगाते हुए केवल अकाउंट पद को ही नियमित करने का कथित फरमान जारी कर दिया, जबकि सभी पदों के लिए दस्तावेज मंगवाए गए थे। इस दौरान चर्चाओं का दौर भी गरम रहा कि किसी लेन देन के बाद यह निर्णय हुआ। इसके बाद अन्य सभी कर्मियों में भारी रोष पैदा हो गया और वे स्वास्थ्य भवन पहुंचे। कार्मिकों ने स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा, एसीएस शुभ्रा सिंह और मिशन निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार सोनी से मिलकर भी अपनी व्यथा सुनाई लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। जिससे रोष और बढ़ गया। कार्मिक सोमवार को आंदोलन की तैयारी में है।

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