जल संसाधन और सती प्रथा का उल्लेख रहा मुख्य विषय

आरएनई,बीकानेर।
जय नारायण विश्वविद्यालय जोधपुर और भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद नई दिल्ली की ओर से दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें बीकानेर के डॉ.जगदीश नारायण ओझा ने “बीकानेर के शिलालेखों में जल संसाधन और सती प्रथा का उल्लेख” विषय पर पत्रवाचन किया।

ओझा ने बीकानेर के तालाबों के शिलालेखों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बीकानेर स्थापना और सामाजिक गठन के बाद मानव आवश्यकता के अनुरुप निर्माण कार्यों का होना इतिहास की सहज प्रवृति है। बीकानेर नगर पुरातन होने के नाते एतिहासिक शिलालेखों का भंडार है। इसके पश्चिमी भाग में विद्यमान शिलालेखांे का अध्ययन किया गया जिनमें से केवल दो प्रकार के शिलालेखों का यहां पर वितरण दिया गया है। पत्रवाचन के दौरान ओझा ने संसोलाव जलाशय, कलात्मक शिलालेख, सति प्रथा का उल्लेख सहित विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला।

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