मेड़ता सिटी के रैण निवासी दलित युवक को बस में ले जा रही थी पुलिस, बताया जा रहा कि बस से कूदा और नीचे आने से हो गयी मौत

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हनुमान बेनीवाल ने मुख्य सचिव-गृह सचिव से बात की, कहा- राजस्थान में दलितों पर पुलिसिया अत्याचार बढ़ा, सरकार मामले की जांच कर कार्रवाई करें, आर्थिक पैकेज जारी करें

आरएनई स्टेट ब्यूरो।
नागौर जिले के मेड़ता विधानसभा क्षेत्र में रैण निवासी एक युवक की पुलिस कस्टडी में मौत का मामला सामने आया है। मृतक को एक मामले में आरोपी मानते हुए पुलिस बीकानेर से मेड़ता ले जा रही थी। इसी दौरान बस के नीचे आने से वह चोटिल हो गया। मूंडवा के पास हुई इस घटना के बाद उसे इलाज के लिए बीकानेर लाया जा रहा था। इसी दौरान उसकी मौत हो गई। बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल स्थित मोर्चरी में उसका शव रखा गया है।

मौत की सूचना के साथ ही मृतक के परिजन और क्षेत्र के निवासी बीकानेर पहुंच गए। पूरे मामले की जांच करने और दोषी पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने की मांग उठाई। मेड़ता की विधायक इंदिरा देवी बावरी भी शाम को इस धरने पर पहुंच गई। मामले की जांच करने, दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने और मृतक के परजिनों को आर्थिक पैकेज देने की मांग उठाई। इंदिरा देवी बावरी ने पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, अगर वह बस के नीचे आने से गंभीर घायल हुआ था और मूंडवा के पास था तो उसे जोधपुर-अजमेर ले जाना चाहिए था। ये दोनों शहर नजदीक थे। समय रहते इलाज मिल जाता तो उसकी जान बच सकती थी। पुलिस ने ऐसा नहीं किया और ज्यादा दूरी वाले बीकानेर शहर लाई। ऐसे में पुलिस की भूमिका संदिग्ध लगती है। मामले की पूरी जांच होनी चाहिए।

दूसरी ओर नागौर सांसद बेनीवाल ने कहा, मेड़ता सिटी पुलिस स्टेशन के कार्मिकों की हिरासत में रैण निवासी दलित युवक राजू बावरी की पुलिस प्रताड़ना से आहत होकर बस से नीचे गिर जाने के कारण मृत्यु हो जाना अत्यंत दुखद है। राजू की संदेहास्पद मृत्यु पुलिस कस्टडी में हुई है और मृतक के परिजन बीकानेर में न्याय की मांग को लेकर मोर्चरी के बाहर बैठे है।


मृतक के परिजनों के अनुसार बस में बीकानेर से नागौर जिले की पुलिस द्वारा राजू को लाया जा रहा था और पुलिस ने उसे प्रताड़ित किया और उसके कारण नागौर जिले के मूंडवा में राजू चलती बस से नीचे गिर गया! चूंकि घटना नागौर जिले में हुई और प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक को पुलिस बीकानेर लेकर गई और गुमराह करके मृतक के घर वालों को भी पुलिस द्वारा रात को बीकानेर बुलाया गया। जबरन पोस्टमार्टम करवाने का दबाव भी मृतक के परिजनों पर बनाया जा रहा है। यह सभी बातें पूरे मामले में पुलिस की भूमिका पर विशेष संदेह उत्पन्न करती है। इसलिए राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव व राज्य सरकार के गृह विभाग के प्रमुख शासन सचिव से दूरभाष पर वार्ता की है!

बेनीवाल ने मेड़ता विधायक इंदिरा देवी बावरी व बीकानेर जिले की आरएलपी टीम को भी दिवगंत के परिजनों से मिलने के लिए तत्काल बीकानेर स्थित पीबीएम अस्पताल जाने के निर्देश दिए है। सांसद ने कहा कि नागौर सहित प्रदेश में दलितों पर बढ़ते अत्याचार चिंता का विषय है। एक तरफ जहां चुनावी वर्ष में मुख्यमंत्री जी खुद की ब्रांडिंग करने में व्यस्त है वहीं दूसरी तरफ उनकी पुलिस द्वारा ऐसे कृत्यों को अंजाम देना सरकार की मंशा पर बड़ा सवालिया निशान है। बेनीवाल ने कहा की राजस्थान सरकार द्वारा इस मामले में त्वरित न्यायोचित कार्यवाही करके दिवगंत के परिजनों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज भी देने की जरूरत है!

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