बीकानेर की लूणकरणसर, श्रीडूंगरगढ़ और कोलायत सीट पर नजर : श्रीडूंगरगढ़ में महापंचायत आज

आरएनई , बीकानेर।

आरएलपी आज श्रीडूंगरगढ़ में किसान महापंचायत करके बीकानेर जिले में अपना चुनावी अभियान शुरू करेगी। लूणकरणसर में हुंकार भरने के बाद अब रालोपा सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल इस विधानसभा सीट पर शक्ति प्रदर्शन करेंगे। जाहिर है, उनकी नजर लूणकरणसर के साथ इस सीट पर भी है। बेनीवाल इसके अलावा आने वाले समय में कोलायत में भी किसान महापंचायत करेंगे। इस तरह रालोपा की नजर इन तीन सीटों पर स्पष्ट है। रालोपा के चुनावी समर में उतरने से जिले की इन सीटों पर राजनीतिक समीकरणों में रोचक परिवर्तन होगा। क्योंकि लूणकरणसर व श्रीडूंगरगढ़ जाट बाहुल्य क्षेत्र हैं और वर्तमान में यहां के विधायक भी इसी समुदाय के हैं।


लूणकरणसर में भाजपा के सुमित गोदारा विधायक हैं तो श्रीडूंगरगढ़ से माकपा के गिरधारी महिया चुनाव जीते हुए हैं। इन दोनों स्थानों पर इनके प्रतिद्वंदी भी इसी समुदाय के थे। हनुमान बेनीवाल की जाट समुदाय और खासकर युवा वर्ग पर मजबूत पकड़ है, इसीलिए उनके उम्मीदवार के मैदान में आने से राजनीतिक समीकरण बदलेंगे, ये निश्चित है।


किसान महापंचायत की कमान भी रालोपा के युवा नेताओं पर ही है। लूणकरणसर के विजयपाल बेनीवाल इन महापंचायतों के लिए सघन जनसम्पर्क कर रहे हैं। लूणकरणसर में सफल महापंचायत कर वे दावेदारी भी कर चुके हैं। श्रीडूंगरगढ़ के लिए स्थानीय नेताओं के साथ उन्होंने जनसंपर्क किया है।
रालोपा इन तीन सीटों पर कांग्रेस की एन्टीइनकम्बेंसी व भाजपा की सुस्ती का फायदा उठाने की कोशिश करेगी। दूसरा बड़ा फर्क कांग्रेस उम्मीदवार चयन पर भी पड़ेगा।


श्रीडूंगरगढ़ में कांग्रेस के उम्मीदवार मंगलाराम गोदारा लगातार दो चुनाव हार चुके हैं, इसलिए ही उनके समुदाय के कई नये लोगों ने कांग्रेस टिकट की दावेदारी कर दी है। अब रालोपा के उम्मीदवार उतरने से कांग्रेस को उम्मीदवार पर गहन चिंतन कर निर्णय करना पड़ेगा। यही स्थिति लूणकरणसर सीट की है। वहां भी पिछली बार के कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र बेनीवाल लगातार दो चुनाव हार चुके हैं। यहां भी कांग्रेस की तरफ से उनके ही समुदाय के कई नये दावेदार ताल ठोक रहे हैं। रालोपा की तरफ से विजयपाल के उतरने से समीकरणों में बड़ा बदलाव होगा, इसलिए यहां भी कांग्रेस के लिए उम्मीदवार चुनना आसान नहीं रहेगा।


रालोपा की तीसरी नजर कोलायत सीट पर है, जहां बड़ा जाट वोट बैंक है। जब खींवसर में हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल चुनाव लड़े थे, तब कोलायत विधायक व ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी चुनाव अभियान में शामिल थे। हालांकि नारायण बेनीवाल चुनाव जीते मगर हनुमान बेनीवाल ने उसी समय घोषणा कर दी थी कि वे अगले चुनाव में कोलायत जायेंगे, उसी घोषणा को वे पूरा करने वहां किसान महापंचायत करने वाले हैं। कोलायत के जाट समुदाय पर रामेश्वर डूडी की पकड़ है, जो पिछले दो चुनाव से भंवर सिंह भाटी के साथ थे। उनके बाद यदि जाट वोट बैंक पर किसी का असर है तो वो है हनुमान बेनीवाल का। उनके दल से कोई चुनाव लड़ेगा तो चुनावी गणित काफी बदलेगा।


कल की श्रीडूंगरगढ़ की हनुमान बेनीवाल की महापंचायत सफल होती है, तो फिर भले ही वे सभी सीटों पर चुनाव न लड़ाये मगर असर सभी सीटों पर डालेंगे। बीकानेर जिले में रालोपा की एंट्री बाहरी तौर पर तो राजनीति पर असर डालेगी ही, मगर अंदरखाने भी काफी बड़ा प्रभाव डालेगी। बीकानेर जिले की राजनीति में रालोपा के आने से कांग्रेस व भाजपा सतर्क हो गये हैं, उनको पता है कि इसका असर चुनावी परिणाम पर भी पड़ेगा।

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