खुशखबरी: राजस्थान में शुरू होगी रत्नों की खान, भीलवाड़ा में सकरिया का खेड़ा ब्लॉक में रत्नोें का भंडार, ई-नीलामी की तैयारी

एसीएस माइंस वीनू गुप्ता ने कहा : 122.27 हैक्टेयर में गारनेट भंडार, कंपोजिट लाइसेंस के लिए भारत सरकार से मिली मंजूरी, अब होगी ई-नीलामी
यहां भी रत्न-भंडार: टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा में भी भंडार, आकलन के लिए होगा अगले स्तर का एक्सप्लोरेशन
हमें क्या फायदा: रत्नों के नए भंडार मिलने और खनन से निर्यात में बढ़ोतरी होगी, विदेशी मुद्रा मिलेगी

आरएनई, स्टेट ब्यूरो।

रत्नों के व्यापार के लिए यूं ही जयपुर देश-दुनिया में मशहूर है अब अच्छी खबर यह है कि राजस्थान में मिले रत्नों के नए भंडारों का जल्द खनन भी शुरू होने वाला है। खासतौर पर भीलवाड़ा में साकरिया का खेड़ा ब्लॉक में 122.27 हैक्टेयर में गारनेट (रत्न) भंडार की पुष्टि के साथ ही इसके खनन की मंजूरी भी केन्द्र सरकार से मिल गई है। अब कंपोजिट ब्लॉक बनाकर ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है।
खनिज विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता ने प्रदेशवासियों को यह खुशखबरी दी है। गुप्ता का कहना है भीलवाड़ा के सकरिया का खेड़ा में गारनेट खनिज ब्लॉक का कंपोजिट लाइसेंस जारी करने के लिए ई नीलामी की कार्यवाही की आवश्यक औपचारिकताओं को अंतिम रुप दिया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही टोंक, अजमेर और भीलवाड़ा में गारनेट खनिज भण्डारों की उपलब्धता, गुणवत्ता और संभावित डिपोजिट के आकलन के लिए विभाग या आरएसएमईटी के माध्यम से अगले स्तर का एक्सप्लोरेशन करवाया जाएगा।


एसीएस श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया कि भीलवाड़ा के सकरिया का खेडा गारनेट ब्लॉक के कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई नीलामी की अनुमति भारत सरकार से प्राप्त हो गई है। अब आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा कर इस माह के अंत या जुलाई माह के पहले पखवाड़े तक ई-नीलामी की कार्यवाही के लिए भारत सरकार के ई पोर्टल पर निविदा जारी कर दी जाएगी। भीलवाड़ा के सकरिया का खेडा में करीब 122.27 हैक्टेयर क्षेत्र में गारनेट के भण्डार संभावित है जिसके लिए कंपोजिट लाइसेंस के लिए ई नीलामी की जाएगी।


इसके अलावा प्रदेश के टोंक जिले के देवली के आसपास के क्षेत्र के साथ ही अजमेर और भीलवाड़ा में गारनेट के भण्डार के संकेत मिले हैं। आजादी के पहले से ही प्रदेश में गारनेट खनिज की संभावनाओं और खनन का छिटपुट कार्य होता रहा है। अब व्यापक सर्वेक्षण के आधार पर टोंक, अजमेर और भीलवाड़ा में गारनेट के भण्डार मिलने के बाद और एक्सप्लोरेशन कराने पर जोर दिया जा रहा है। इससे संभावित डिपोजिट का आकलन होगा और माइनिंग लीज के ऑक्शन में स्वस्थ्य प्रतिस्पर्धा से बेहतर राजस्व मिलेगा।

पूरी दुनिया से गहनों में लिए रत्नों की डिमांड :

कास्य युग से पहचान और पसंद रखने वाले गारनेट की मुख्य रुप से रत्न के रुप में पहचान है।दुनिया के अधिकांश देशों में गहनों के साथ ही रत्न के रूप में गारनेट की अच्छी मांग रही है। यह पारदर्शी और अपारदर्शी दोनों ही तरह का मिलता है। पारदर्शी गारनेट की रत्न व्यवसाय क्षेत्र में उसकी गुणवत्ता और कैरट के आधार पर काफी अच्छी मांग हैं।
गहनों के अलावा भी है उपयोग:
रत्न के साथ साथ गारनेट का अन्य उपयोग भी किया जाता रहा है। कांच, कठोर रबड़, लकड़ी, आदि को पीसने, घिसने, कागज, कपड़ा, डिस्क आदि में उपयोग के साथ ही पाउडर के रुप में लेपिंग के लिए इसका उपयोग किया जाता है। मोटे रूप में समझा जाए तो सामान्य रेजमार से लेकर रत्न कारोबारियों तक गारनेट की मांग है।

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