वेणुगोपाल जयपुर आकर मिले गहलोत से, सचिन दिल्ली गये, राहुल ने वार्ता से पहले भिजवाया संदेश

राजस्थान कांग्रेस की भीतरी लड़ाई अब थमती सी नजर आ रही है। शुक्रवार रात अचानक पार्टी के संगठन महामंत्री के सी वेणुगोपाल जयपुर पहुंचे। वैसे तो वे मंत्री भजनलाल जाटव के पारिवारिक समारोह में भाग लेने आये थे मगर ध्येय राजनीतिक भी था। आयोजन में शामिल होने के अलावा उन्होंने होटल के बंद कमरे में सीएम अशोक गहलोत व प्रभारी रंधावा से लंबी बात भी की।


वेणुगोपाल के जयपुर से रवाना होते ही उनके पीछे पीछे सचिन पायलट भी दिल्ली रवाना हो गये। जाहिर उनसे बात दिल्ली में होगी। माना जा रहा है कि वेणुगोपाल सीएम गहलोत के पास राहुल का कोई संदेश लेकर आये थे जो उनके साथ होने वाली अगली बैठक में बात होगी। ये ही बात दिल्ली में वे सचिन से करेंगे। राहुल व खड़गे दोनों के बीच की दूरी मिटाने के लिए पहले स्तर की बात इन नेताओं से कर चुके हैं और उसका असर भी हुआ। उसके बाद सचिन ने किसी भी तरह के आंदोलन की घोषणा नहीं की। जबकि जन संघर्ष पदयात्रा के बाद आगे हर जिले में आंदोलन की उन्होंने घोषणा की थी। इस मसले में चुप्पी से लगता है कि राहुल ने उनको कोई आश्वासन दिया है।


अब राहुल व खड़गे उनसे 30 तारीख से पहले एक बैठक करने वाले हैं और उसमें अंतिम निर्णय कर लिया जायेगा। समझौते का फार्मूला जो पार्टी ने तैयार किया है, लगता है दोनों नेताओं को वेणुगोपाल ने उसकी जानकारी दी है। ताकि बैठक में ज्यादा बहस की गुंजाइश न रहे। अब राजस्थान चुनाव में अधिक समय भी नहीं रह गया है।

 


अब चुनाव में समय इतना कम रह गया है कि सचिन कोई दूसरा कदम उठाने का जोखिम भी नहीं ले सकते। इस कारण समझौते के फार्मूले पर ही उनकी भविष्य की राजनीति केंद्रित है। दूसरी तरफ ये भी निश्चित है कि जो कुछ भी मिलना है वो सचिन को ही मिलना है, अभी पार्टी में तो उनके पास कुछ नहीं है। कर्नाटक में भी सिद्धारमैया व डी के शिवकुमार के बीच बड़ी खाई थी, उसे पाटा गया। उसी तर्ज पर राजस्थान में भी आलाकमान कोई फार्मूला निकाल रहा है। सचिन को कैम्पेन कमेटी का मुखिया बनाया जा सकता है। टिकट बंटवारे में एक हिस्सा तय हो सकता है या पार्टी में अन्य कोई बड़ी जिम्मेवारी भी दी जा सकती है। कम में तो इतना आगे बढ़ चुके सचिन मानेंगे नहीं। कांग्रेस को इस बात का अंदाजा है कि सचिन के बिना उनकी सफलता की राह आसान नहीं है, जबकि गहलोत सरकार रिपीट करने के लिए पूरा दमखम लगा रहे हैं। पर ये तय है कि इस महीने के अंत से पहले राजस्थान कांग्रेस के संकट का पटाक्षेप होगा। देखना ये है कि इसमें सचिन के हिस्से में क्या आता है, अभी तो गहलोत ही अपर हैंड है।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी 

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

विज्ञापन बॉक्स (विज्ञापन देने के लिए संपर्क करें)


जवाब जरूर दे 

क्या आप मानते हैं कि कुछ संगठन अपने फायदे के लिए बंद आयोजित कर देश का नुकसान करते हैं?

View Results

Loading ... Loading ...


Related Articles

Back to top button
Close
Website Design By Bootalpha.com +91 84482 65129